पटाखे जलाने के दौरान पानी के साथ ही बालू-मिट्टी का इंतजाम करें, पटाखों में आग दूर से ही लगाएं, चिगारियां छोड़ने वाले पटाखों के पास नहीं जाएं, पटाखें जलाते समय जूते पहने, जो पटाखा न फूटे उसपर पानी या मिट्टी डाल दें, छोटे बच्चों व बुजुर्गो का भी ख्याल रखें, पटाखे जलाते समय बच्चो पर नजर रखे, पटाखे रखने के लिए अच्छी और सुरक्षित जगह को चुने, गर्दी वाले जगह पर पटाखे न जलाए, पटाखे छोटे बच्चो कि पहुच से दूर रखे, बच्चे पटाखे हाथ में रखकर न फोड़े और न ही पटाखे जलाकर किसी के ऊपर फेंकें, ढ़ीले-ढ़ाले कपड़े न पहने, पटाखे जलाते समय दुपट्टा और साड़ी का पल्लू का ध्यान रखे, किसी भी ज्वलनशील पदार्थ से पटाखे दूर रखे जैसे दिया, मोमबत्ती या रसोईघर, पटाखे जेब में रख कर न घूमे, पटाखे जलाते समय या आतिशबाजी करते वक़्त हमेशा पास मे पानी कि व्यवस्था रखे, हमेशा पटाखे खुली जगह पर और किसी को बाधा न पहुचे ऐसे स्थान पर जलाए, हमेशा अच्छी कंपनी के पटाखे खरीदे और उन्हें इस्तेमाल करने का तरीका सिख लें, पटाखे जलाते समय पटाखे से दुरी बनाए रखे। पटाखे के ऊपर झुक कर पटाखा न जलाए, अगर पटाखा नहीं फूटता है तो तुरंत पटाखे के पास न जाए।

चिकित्सक की सलाह

सेवानिवृत सिविल सर्जन डाॅ विजय कुमार ने बताया कि पटाखों से जलने के बाद शरीर पर स्याही या कॉलगेट का प्रयोग नहीं करें। जलने के स्थान पर नल का पानी तब तक डालना चाहिए, जब तक जलन कम न हो जाए। डाॅ विजय कुमार ने बताया कि आंख में पटाखा या धुआं चले जाने पर रगड़ना नहीं चाहिए, आंख को दस मिनट तक पानी से धोना चाहिए। उन्होंने बताया कि पटाखों से निकलने वाला धुआं काफी हानिकारक होता है, इससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है। हृदय रोगियों को ज्यादा आवाज वाले पटाखों से दूर रहना चाहिए, वहीं सांस की बीमारी वाले मरीजों को धुंए से परहेज करना चाहिए। अविलंब नजदीकी चिकित्सक की सलाह लें। साथ ही उन्होंने लोगों से प्रदुषण रहित दीपावली मनाने की जिलेवासियों से अपील की।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर