जट जटिन, सामा चकेवा एवं अन्य मनमोहक प्रस्तुति पर रात भर झूमे दर्शक, बेगूसराय के…

विजयादशमी के अवसर पर बेगूसराय के बछवाड़ा अंतर्गत गोधना गांव में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित। स्थानीय कलाकारों ने जट जटिन, सामा चकेवा, झिझिया, डोमकच आदि लोकनृत्य की प्रस्तुति पर झूमे दर्शक

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डीएनबी भारत डेस्क 

बेगूसराय के बछवाड़ा प्रखंड अंतर्गत गोधना गांव में विजयादशमी के उपलक्ष्य में दुर्गा पूजा समिति गोधना के द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन पंचायत की मुखिया नूतन कुमारी, मुखिया प्रतिनिधि राजीव चौधरी एवं क्षेत्र के जाने माने सेवा निवृत शिक्षक और साहित्यकार शैलेन्द्र शर्मा त्यागी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुखिया प्रतिनिधि राजीव चौधरी ने लोगों से शांति और सहयोग की अपील करते हुए कहा कि अहंकार में जब जब मनुष्य धरती पर दिखाई दिया है तब तब माता रानी धरती पर आकर अहंकार का नाश की हैं। उन्होंने पूजा समिति की आयोजन के लिए सराहना की।

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शैलेन्द्र शर्मा त्यागी ने कहा कि यह गोधना गांव की धरती है। यह हमेशा से क्रांतिकारी रही है साथ ही यह धरती अपनी संस्कृति से हमेशा जुडी रही है। उन्होंने माँ दुर्गा के पराक्रम का वर्णन करते हुए लोगों से अपील की कि हमेशा शांति और सद्भाव बनाये रखने से हमेशा विकास का पथ अग्रसर रहता है। कार्यक्रम के शुरुआत में दुर्गा पूजा समिति के दिवंगत सदस्य राजकुमार सहनी के तैलचित पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई इस दौरान गायक किशन के ने ‘चिट्ठी न संदेश जाने वो कौन सा देश……’ गीत के साथ माहौल को मार्मिक बना दिया। इसके बाद सूफी गायक किशन ने ‘श्री गणेशा देवा’ से गणेश वंदना करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की। फिर स्थानीय गायिका ममता सहनी ने मैथिलि का प्रसिद्द गीत ‘यौ पहुना यौ मिथिले में रहूना….’ से कार्यक्रम में समा बांधा। इसके बाद गायिका माधुरी ने ‘पीपर के पात झर जाला अंगनवा…….’ से एक बार फिर लोगों को स्थानीय कार्यक्रम का अहसास दिलाया और लोगों में कार्यक्रम में जोश भर दिया।

कार्यक्रम के दौरान रुपाली और बलिराम और साथियों ने मशहूर लोकगीत गोदना पर प्रस्तुति दी और फिर शिव पार्वती का एक झांकी प्रस्तुत किया गया जिसमें रुपाली ने पार्वती का रूप धरा और बलिराम ने शिव का। दोनों ही झाकिंयों ने दर्शकों का जमकर तालियां बटोरी। रुपाली की आवाज में ‘मुकुट शिरमोर का, मेरे चितचोर का…..’ ने दर्शकों को झुमने पर मजबूर कर दिया। वहीं गायक बलिराम बिहारी ने जब ‘धोवत धोवत तोहरी मंदिरवा हथवा खियलाई हे………., अमवा लगवला पिया हो महुअवा लगावला काहे ने लगावला पिया हो निमिया के गछिया……..’ गाते हुए जब दर्शकों के बीच दर्शक दीर्घा में पहुंचे तो बरबस ही दर्शक अपनी अपनी जगहों पर उठ कर डांसने लगे। इस दौरान पूरा वातावरण ताली से गूंज उठा और माहौल भक्तिमय हो गया जो देखते ही बनता था।

इसके साथ ही मिथिलांचल कला मंच के निदेशक प्रो अशोक पासवान के निर्देशन में लोक कलाकार निशु, रुपाली, आरती, कशिश, रानी, माधुरी, बलिराम बिहारी, मनोज और दिलीप ने जब मंच पर सामा चकेबा, जट जटिन, डोमकच, झिझिया, कजरी, राजा सलहेस, छठ पूजा इत्यादि का प्रस्तुती दिया। इन कलाकारों की प्रस्तुति से वहां बैठे दर्शक बरबस ही भाव विभोर हो उठे और ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो वे आदिकाल के लोक संगीत की दुनिया में पहुँच गये हों। कार्यक्रम का मंच संचालन शिक्षक एवं जिला के प्रसिद्द मंच संचालक चंद्रशेखर सहनी ने किया वहीं कार्यक्रम के आयोजन में दुर्गा पूजा समिति गोधना के सदस्य दिलीप सहनी, बिपिन सहनी, बलराम निषाद, बबलू शर्मा, चंद्रभूषण सहनी, साकेत कुमार, प्रीतम, सरोज, शम्भू ठाकुर, अनिल स्नेहिल, दिनेश सहनी, ऋषिकेश, सोनू, शुभम, गुलशन, मनसुख, मुकेश सहनी, मृत्युंजय, विपिन शर्मा, सौरभ एवं अन्य ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. विदित हो कि महानवमी के दिन शुरू होने वाला यह कार्यक्रम बारिश की वजह से टल गया था जो कि बीती रात शुरू की गई।

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