एक हज़ार में काम नहीं 25 हजार से कम नहीं – आशा कार्यकर्ता

आशा कर्मियों ने सरकार पर सीएचसी बरौनी परिसर में थाली पीट कर जताया रोश, अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी।

आशा कर्मियों ने सरकार पर सीएचसी बरौनी परिसर में थाली पीट कर जताया रोश, अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी।

डीएनबी भारत डेस्क 
समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरौनी परिसर में बीते 12 जुलाई से स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किए जा रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल हुए कुरियर, आशा कार्यकर्ता, आशा फैसलीटेटर की मांगों को लेकर मंगलवार को आशा कार्यकर्ता व आशा फैसलीटेटर ने थाली, चम्मच और बेलन पीट पीट कर सरकार के विरुद्ध अपनी आवाजों को बुलंद करते हुए गगनभेदी नारे लगाए। वहीं कार्यकर्ता, आशा फैसलीटेटर एवं कुरियर को संबोधित करते हुए बरौनी प्रखण्ड आशा कार्यकर्ता संघ अध्यक्ष नीलम झा ने कहा कि हमारे मांगे जायज है।

हमारी मांगों को स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रखण्ड स्तरीय जनप्रतिनिधि, नगर परिषद बीहट के मुख्य पार्षद, स्थानीय विधायक सह सचेतक सत्तारूढ़ दल रामरतन सिंह, बिहार राज्य कर्मचारी संघ, कुरियर संघ सहित कई संघ संगठन तथा सभी राजनीतिक दलों ने हमारी मांगों का समर्थन करते हुए जायज़ ठहराया है और सरकार तक हमारी मांगों को रखने की बात कही गई है। नीलम झा ने अपनी मांगों को विस्तार पूर्वक रखते हुए कहा कि हम विगत 2007 से आशा कार्यकर्ता के तौर पर कार्य कर रहे हैं और हमें इसके बदले प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

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हमें अपने काम के बदले प्रोत्साहन राशि नहीं मानदेय चाहिए और आशा फैसलीटेटर को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। आशा कार्यकर्ता की बहाली में आयु सीमा 18-65 वर्ष किया जाए। जिसको लेकर संघ ने अपनी 14 सूत्री मांगों का स्मार पत्र तेघड़ा स्थानीय विधायक रामरतन सिंह को सौंपी है। वहीं कुरियर संघ बरौनी द्वारा अपनी मांगों को रखते हुए कहा कि हम विगत 2005 से नियमित टीकाकरण में कोरियर के तौर पर कार्य कर रहे हैं। हमें नियमित करते हुए स्वास्थ्य कर्मी का दर्जा दिया जाए। सभी प्रकार की सुविधाएं जो एक नियमित कर्मियों को मिलती है उसी प्रकार टीकाकरण कोरियर को भी सुविधा दिया जाए।

मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग की मूल कार्य-योजना में शामिल आवश्यक सेवाओं में सुरक्षित व संस्थागत प्रसव, जच्चा-बच्चा दोनों का देखभाल, जन्म के तुरंत बाद से दी जाने वाली पहली नियमित टीका, नियमित टीकाकरण, टेलीमेडिसिन, ग्रीन चैनल, जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा, बाल जननी सुरक्षा योजना, उत्प्रेरण, स्वास्थ्य विभाग में केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं को धरातल पर उतारने जैसी सभी महत्वपूर्ण कार्य पर हड़तालियों द्वारा ताला जड़ दिया गया है। इसके संबंध में कहा जाता है कि प्रसुताओं, सामान्य मरीजों, आउटडोर एवं इनडोर मरीजों, आवश्यक सेवा, टीवी, एमडीटी दवा के रोगी, फाइलेरिया, उच्च रक्तचाप, मधुमेह के नियमित मरीजों का अस्पताल से सम्पर्क आशा कार्यकर्ता एवं कुरियरों के नहीं रहने से टूट गया है।

वहीं इस संबंध में जानकारी देते हुए हड़ताल कर्मियों ने बताया कि पीएचसी बरौनी में कार्यरत कुरियर संघ भी अपने संघ के आह्वान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। तथा नियमित टीकाकरण कुरियर द्बारा आंदोलन को भी सहयोग दिया जा रहा है। इसी प्रकार आशा कार्यकर्ता एवं आशा फैसिलिटेटर विगत 12 जुलाई से राज्य संघ के आह्वान पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे अस्पताल परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं इस दौरान पीएचसी परिसर में सभी आशा धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।

वहीं आशा संघ बरौनी सचिव वैदेही कुमारी एवं अध्यक्ष नीलम झा ने बताया कि सरकार आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को कम से कम दस हजार रुपए मासिक भत्ता, वैश्विक महामारी कोवीड -19 काल में किए गए कार्य के लिए दस हजार रुपया भत्ता, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, सेवानिवृत्त के उपरांत दस लाख रुपया भुगतान करने सहित अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल किया गया है। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तब हड़ताल जारी रहेगा।

इस अवसर पर आशा फैसलीटेटर बबीता कुमारी, रंजू कुमारी, संगीता कुमारी, आभा सिन्हा,अनिता देवी, ग्रीस देवी, आशा प्रतिमा कुमारी, शोभा देवी, अंजु कुमारी, पिंकी कुमारी, रेखा कुमारी, द्रोपदी देवी, पिंकू कुमारी, आशा कुमारी, सोनामणी कुमारी, रुबी कुमारी, रुपम कुमारी, माला कुमारी,रेणु देवी, रुबी देवी, नीतू कुमारी, निशा कुमारी, मीना देवी, अनिता शर्मा, सुबोध देवी, पिंकी कुमारी, गुड़िया कुमारी, चन्दन कुमारी , पवन कुमारी, गिरजा साह, मंजु कुमारी,रिंकु कुमारी, सुशीला देवी, अंजू कुमारी, हीरा कुमारी, रेखा कुमारी, मरणी देवी, जुली कुमारी, उषा कुमारी, द्रोपदी देवी, सोनामणी कुमारी, फूल कुमारी, गीता देवी, कृष्णा देवी, उर्मिला सिन्हा सहित अन्य आशा कार्यकर्ता व आशा फैसिलिटेटर मौजूद थे।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार 

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