लावारिस स्थिति में नवजात मिला देखते ही गांव के रंजीत मंडल ने उक्त नवजात को उठाकर सीएचसी परबत्ता पहुंचाया।
डीएनबी भारत डेस्क
खगड़िया जिले परबत्ता प्रखंड के लगार पंचायत के चकरका गांव में सुबह झाड़ी में फेंका एक नवजात बच्चा मिलने की चर्चा सरेआम हो रही है, जो लड़का था, वहीं सुबह लावारिस स्थिति में नवजात मिला देखते ही गांव के रंजीत मंडल ने उक्त नवजात को उठाकर सीएचसी परबत्ता पहुंचाया। उसके साथ कई ग्रामीण भी पहुंचे और सीएचसी में उक्त बच्चे के साथ कई ग्रामीण भी सीएचसी पहुंचे ।
वही इलाज कर रहे डॉक्टर कुमार आशुतोष ने कहा कि नवजात शिशु जो फेंका हुआ था, उसे लोगों ने अस्पताल लाया था वजन कम देखते हुए उसे बेहतर उपचार हेतु सदर अस्पताल खगड़िया रेफर कर दिया। आखिर सीएचसी से उक्त बच्चा को जैसे तैसे रेफर करने के बाद क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है । एक तो नवजात बच्चा को किस मां के द्वारा इस तरह से फेंका गया, लोग इस पर भी तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। दूसरी तरफ सीएचसी प्रबंधन द्वारा जब जीवित बच्चा लोगों ने सीएचसी पहुंचा, तो उन्होंने उक्त बच्चों को जैसे तैसे लोगों के साथ क्यों रेफर कर दिया।
सीएचसी प्रबंधन द्वारा अपने कर्मियों के साथ क्यों नहीं भेजा गया। साथ ही स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी को भी इसकी सूचना नहीं दी गई। आखिर सीएचसी से इतनी बड़ी चूक कैसे हुई, मालूम हो कि उक्त बच्चों को छाया देने वाले कई मां और पिता खड़े हैं। दर्जनों व्यक्ति उसे प्राप्त करने के लिए मंगलवार को दिनभर सीएचसी परबत्ता से लेकर सदर अस्पताल खगड़िया तक दौड़े किंतु उक्त बच्चे का इलाज कहां चल रहा है, इस पर भी संशय बना हुआ है।
बताते चलें कि सिविल कोर्ट खगड़िया के एक अधिवक्ता ने कहा कि आखिर उस बच्चे के साथ कुछ होता है तो इसके लिए कौन जवाब देह होता है इस बाबत सीएचसी प्रभारी डॉक्टर कशिश ने कहा कि वे इसको लेकर बीएच एम को निर्देश दिए हैं, प्रशासनिक अधिकारी को सूचना दी जा रही है। हालांकि गोगरी एसडीओ अमन कुमार सुमन ने कहा कि जब सीएचसी में बच्चा जीवित आया था तो उसे बाल संरक्षण विभाग को सूचना देना था। उन्होंने सूचना क्यों नहीं दिया, इसको लेकर हुए अधीनस्थों को जांच का निर्देश देंगे। दोषी पाए जाने पर सीएससी प्रभारी पर कार्रवाई की अनुशंसा भी की जाएगी।
खगड़िया संवाददाता राजीव कुमार की रिपोर्ट