अतिक्रमण मुक्त कराने पहुंची प्रशासन और पब्लिक में तीखी झड़प

नालंदा जिला में हाई कोर्ट के आदेश पर डेढ़ सौ घरों को तोड़ने के लिए बुधवार को प्रशासनिक तैयारी के साथ प्रशासन शिवनंदननगर गांव पहुंची। ग्रामीणों के आक्रोश का करना पड़ा सामना।

नालंदा जिला में हाई कोर्ट के आदेश पर डेढ़ सौ घरों को तोड़ने के लिए बुधवार को प्रशासनिक तैयारी के साथ प्रशासन शिवनंदननगर गांव पहुंची। ग्रामीणों के आक्रोश का करना पड़ा सामना।

डीएनबी भारत डेस्क 

नालंदा जिला में रहुई थाना क्षेत्र इलाके के शिवनंदननगर गांव में उस वक्त अचानक अफरा-तफरी मच गई जब अचानक पूरी प्रशासनिक तैयारी के साथ प्रशासन अतिक्रमण हटाने को लेकर गांव पहुंची। गौरतलब है कि शिवनदननगर गांव में 1989 से डेढ़ सौ घरों के लोग निवास कर रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर डेढ़ सौ घरों को तोड़ने के लिए बुधवार को पूरी प्रशासनिक तैयारी के साथ प्रशासन शिवनंदननगर गांव पहुंची।

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वहीं भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को देखकर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। इस दौरान चिलचिलाती धूप में करीब 1 घंटे तक ग्रामीणों और सुरक्षाकर्मियों के बीच नोकझोंक होती रही। हंगामा कर रहे तीन महिलाएं भी बेहोश हो गई। जिसे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ग्रामीणों ने सीधे तौर पर अंचलाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक षड्यंत्र के कारण डेढ़ सौ घरों में निवास कर रहे 800 आबादी को घर से बेघर किया जा रहा है।

उग्र ग्रामीणों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव भी किया और जेसीबी मशीन के शीशे भी तोड़ दिए। फिलहाल ग्रामीणों के उग्र आक्रोश को देखते हुए प्रशासन बेरंग हाथ वापस लौट गई। ग्रामीणों ने कहा हम लोग को उजाड़ने से पहले बसाने का भी काम प्रशासन के द्वारा किया जाए। वहीं इस संबंध में एसडीओ अभिषेक पलासिया ने कुछ भी कहने से परहेज किया उन्होंने कहा उच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया जा रहा है।

नालंदा संवाददाता ऋषिकेश 

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