बछवाड़ा के झमटिया घाट का चार वर्षो से नहीं हो रहा है डाक,प्रशासन द्वारा डाक के लिए तिथि निर्धारित की जाती है किंतु डाक में बोली लगाने नहीं पहुंच रहे हैं लोग

ग्रामीणों ने कहा कि भूमि अधिग्रहण किये बगैर बंदोवस्त की प्रक्रिया किये जाने के कारण कोई भी लोग डाक में बोली लगाने नहीं पहुंच रहे है।

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिले का बछवाड़ा प्रखंड मुख्यालय स्थित झमटिया धाम गंगा घाट पर पिछले करीब चार वर्षों से बंदोबस्ती नहीं हो रही है। जिला प्रशासन की ओर से झमटिया घाट पर सैरात वसूली के लिए इस भी साल निविदा निकाले गए लेकिन कोई डाक की बोली लगाने नहीं पहुंचे। मामले को लेकर शिव गंगा विकास समिति के अध्यक्ष लालबहादुर यादव ने झमटिया घाट को सैरात से मुक्त करने की मांग सरकार से की है।

उन्होंने कहा कि सैरात वसूली को लेकर शिव गंगा विकास समिति के द्वारा पुर्व में संबंधित पदाधिकारी समेत बिहार सरकार के विभागीय मंत्री को आवेदन देकर बंदोबस्ती रद्द करने कि मांग की गयी थी। शिव गंगा विकास समिति के आवेदन के बाद विभागीय मंत्री समेत पदाधिकारी के द्वारा झमटिया धाम गंगा घाट का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण करने पहुंचे पदाधिकारियों की टीम को ग्रामीणों ने सैरात वसूली के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद घाट की बंदोबस्ती करने का प्रस्ताव अधिकारी के समक्ष रखा ।

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ग्रामीणों ने कहा कि भूमि अधिग्रहण किये बगैर बंदोवस्त की प्रक्रिया किये जाने के कारण कोई भी लोग डाक में बोली लगाने नहीं पहुंच रहे है। उन्होंने बताया कि पदाधिकारी के द्वारा निरीक्षण के दौरान यह स्पष्ट हो गया था कि झमटिया गंगा घाट पर बंदोबस्त करने के लिए जमीन नहीं है, गंगा घाट पर शिव मंदिर व सड़क के अलावा मेला के लिए सरकारी जमीन नहीं है। एप्रोच पथ के दोनों किनारे सभी निजी जमीन है। पूर्व में यहां दुकानदारो से निजी जमीन पर भी जबरन वसूली की जाती थी।

बाद में जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो पदाधिकारी के द्वारा इसकी जांच हुई जांच करने पहुंचे पदाधिकारियों की टीम ने पहुंचा तो ग्रामीणों ने सैरात वसूली के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद घाट की बंदोबस्ती करने का प्रस्ताव जांच अधिकारी के सामने रखा था।झमटिया घाट की विगत करोना काल से लेकर करीब चार वर्षों से सरकार के द्वारा बंदोबस्ती नहीं हो रही है जिला प्रशासन की ओर से झमटिया घाट पर सैरात वसूली के लिए हरेक साल निविदा निकाले जाते हैं,

प्रशासन द्वारा डाक के लिए तिथि निर्धारित की जाती है किंतु डाक में बोली लगाने वाले कोई भी नहीं पहुंच रहे हैं। जिस कारण वर्ष 2020 से ही यहां सरकारी तौर पर ही सैरात की वसूली की रही है। इस साल भी बंदोबस्ती नहीं हो सकी जिला प्रशासन के द्वारा तीन तिथि निकाली गयी लेकिन कोई भी लोग डाक की बोली लगाने नहीं पहुंचे। इस साल भी झमटिया घाट के लिए सुरक्षित जमा राशि 63 लाख 62 हजार 548 रुपये तथा जमानत की राशि 15 लाख 90 हजार 637 रुपये रखे गए थे। बंदोबस्त की अंतिम तिथि 15 मार्च निर्धारित थी ।

बेगूसराय बछवाड़ा संवादाता सुजीत कुमार की रिपोर्ट

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