डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोदावंदपुर में बुधवार को विश्व मलेरिया दिवस को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों की एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित की गयी। प्रशिक्षण का उद्घाटन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार ने किया। स्वास्थ्य कर्मी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मलेरिया एक खतरनाक बीमारी है। समय रहते इसका उपचार नही किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकती है।
उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में अगर ध्यान नही दिया गया तो रोगी का लिवर क्षतिग्रस्त हो जाता है। लिवर क्षतिग्रस्त होने के कारण मरीज शारीरिक रूप से बहूत कमजोड़ हो जाता है । शक्तिक्षीण हो जाती है जिससे चलने फिरने व काम करने में कठिनाई होती है। उन्होंने मलेरिया से बचाव के लिए सभी लोगो से सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करने तथा घर के आसपास साफ सफाई, जल जमाव नही करने तथा साफ सफाई पर विशेष रूप से ध्यान रखने को कहा। उन्होंने लोगो को मलेरिया के लक्षणों के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि शरीर मे कम्पन के साथ बुखार आना, बार बार पसीना आना मलेरिया का लक्षण हो सकता है ।
इस स्थिति में मरीज को तुरंत चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए अथवा सीएचसी पहुंचकर इलाज करवाना चाहिए। उन्होने प्रशिक्षण में मौजूद एएनएम, आशा एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को मलेरिया के लक्षण उससे बचाव के उपाय के बारे में अपने अपने पोषक क्षेत्र में लोगो को जानकारी देंने और जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मौके पर स्वास्थ्य प्रबंधक सुरेंद्र कुमार, बीसीएम दयाशंकर पासवान, आशा फेसिलेटर अवनिशा कुमारी सहित प्रखंड के एएनएम व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
बेगूसराय खोदावंदपुर से नितेश कुमार की रिपोर्ट