डीएनबी भारत डेस्क
बछवाड़ा प्रखंड के मजदुर का बीते 5 सितम्बर को बेगलौर में रानी एक पंचायत के नारेपुर गांव वार्ड संख्या पांच निवासी एक मजदुर के मौत के उपरांत गुरूवार की दोपहर बेगलौर से निजी एम्बुलेंस से शव को उनके पैत्रिक आवास नारेपुर गांव लाया गया। शव के गांव पहुंचते ही पुरे गांव में कोहराम मच गया। देखने वाले की काफी भीड़ जमा हो गयी। चीख पुकार से पूरा क्षेत्र का माहौल गमगीन हो गया। मजदुर के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था।
बताते चले कि रानी एक पंचायत के नारेपुर गांव निवासी स्व मुनीलाल यादव का लगभग 30 वर्षीय पुत्र संजीत यादव उर्फ चुन-चुन यादव बेंगलौर में विगत आठ वर्षों से मजदुरी का काम करता था,मृतक युवक मजदुरी करके किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करता था। युवक की मौत के बाद मानो परिवार पर पहाड़ सा टूट पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि मृतक युवक अपने कुछ ग्रामीणों के साथ विगत आठ वर्षों से बेगलौर के अमरूहाली में रहकर मजदूरी का काम करता था। विगत 5 सितम्बर को मजदुरी के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ गया। तबीयत बिगड़ते देख ग्रामीण साथियों के द्वारा इलाज के लिए सरकारी अस्पताल अमृता में भर्ती कराया गया।
जहां डॉक्टर ने इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया। अनुमान लगाया जा रहा है कि उक्त युवक की मौत हृदय गति रुक जाने के कारण हो गयी। वही युवक के मौत के बाद साथियों ने परिजनों को मोबाइल से सम्पर्क कर घटना की सूचना देते हुए कागजी खानापूर्ति के उपरांत गुरूवार की दोपहर तावुद में बंद कर मजदुर युवक का शव एम्बुलेंस से उसके पैतृक गांव नारेपुर लाया गया। मृतक का शव गांव पहुंचते ही ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी।
ग्रामीणों ने बताया कि मृतक मजदुर तीन भाई में से दुसरे नम्बर पर था। परिवार का एक मात्र कमाऊ युवक था। जो मजदुरी कर परिवार का भरण पोषण करता था। शव को आते ही परिजनों के चीख और चित्कार से पुरा गांव गमगीन हो गया। स्थानीय लोग नम् आंखो से देख रहे थे और बोल रहे थे कि छोटे-छोटे बच्चो का अब भरण पोषण कैसे होगा। वही परिजनो का रो रो कर बुरा हाल बना हुआ था।
घटना की सूचना पर गांव के कुछ समाजसेवी व ग्रामीणो ने पीड़ित परिवार के आवास पर पहुंचकर परिजनो को ढ़ाढ़स बंधाने में लगे थे। ग्रामीणों ने बताया कि मृतक युवक अपने पीछे दो छोटे छोटे लड़का व एक लड़की छोड़ गया है।
बेगूसराय बछवाड़ा संवाददाता सुजीत कुमार की रिपोर्ट