बड़हिया के महारानी स्थान में प्राचीन काल से प्रज्वलित है दीपक

कहा जाता है माता वैष्णो देवी को प्रतिष्ठित करने वाले श्रीधर देव ने माता के निर्देशानुसार की इस मंदिर की स्थापना। मंदिर का वर्णन त्रिपुर रहस्य और हारितायन संहिता जैसे ग्रंथों में भी मिलता है। मंदिर में प्राचीनकाल से प्रज्वलित है दीपक

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कहा जाता है माता वैष्णो देवी को प्रतिष्ठित करने वाले श्रीधर देव ने माता के निर्देशानुसार की इस मंदिर की स्थापना। मंदिर का वर्णन त्रिपुर रहस्य और हारितायन संहिता जैसे ग्रंथों में भी मिलता है। मंदिर में प्राचीनकाल से प्रज्वलित है दीपक

डीएनबी भारत डेस्क

बिहार के लखीसराय जिला मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर दूर बड़हिया प्रखंड मुख्यालय के मुख्य बाजार में स्थित हैं मां बाला त्रिपुर सुंदरी। कहा जाता है कि माता वैष्णो देवी की जिन्होंने स्थापना की उन्होंने ही इस मंदिर की भी स्थापना और यहां भी मां वैष्णो देवी ही विराजमान हैं। यहां त्रिपुर बाला त्रिपुर सुंदरी मृत्तिका पिंड में छाया रूप में जाग्रत अवस्था में हैं। इस मंदिर को लोग महारानी स्थान भी कहते हैं। यहां सालों भर भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं लेकिन नवरात्र के अवसर पर यहां भारी भीड़ लगती है।

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पौराणिक कथाएं
इस मंदिर का वर्णन त्रिपुर रहस्य और हारितायन संहिता जैसे ग्रंथों में भी मिलता है। ब्रह्माण्ड कांड के उत्तर खंड के ललितोपाख्यान के नाम से भी बाला त्रिपुर सुंदरी का चरित्र वर्णन है। कहा जाता है कि माता वैष्णो देवी की प्रतिष्ठित करने वाले श्रीधर देव जब भ्रमण पर थे तो एक रात देवी मां ने उन्हें स्वप्न में कहा कि कल गंगा की जलधारा में बहती हुई मिट्टी की खप्पड़ में ज्योति शिखा के रूप में दर्शन दूंगी। निर्देशानुसार उन्हें अगले दिन ज्योति शिखा का दर्शन हुआ। श्रीधर देव ने उस खप्पर को ग्रहण कर निर्देशानुसार मिट्टी की चार पिंडी स्थापित की जिसमें त्रिपुर सुंदरी, महालक्ष्मी, महासरस्वती छाया रूप में साक्षात निवास करती हैं। इन पिंडों के अतिरिक्त मंदिर के अंदर दक्षिणी कोन पर सात अर्ध्य मृतिका पिंडी भी अवस्थित है जिनमें ब्राह्मणी, माहेश्वरी, वैष्णवी, वाराही, कात्यायनी, इंद्राणी तथा चामुंडा देवियां निवास करती हैं। मंदिर में एक दीपक प्राचीन काल से ही लगातार प्रज्वलित है। कहा जाता है कि मंदिर में स्थापित मृतिका पिंडियां दोपहर में 12 बजे से 2 बजे के बीच अलौकिक रूप से चमकने लगती हैं। वहीं सूर्यास्त के बाद मंदिर में पुरुषों का प्रवेश वर्जित है।

मंदिर का बनावट
महारानी मां का मंदिर करीब 150 फीट ऊंचा है जिसका सौंदर्यीकरण कराया गया है। इसके साथ ही यहां पर श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए विश्राम गृह भी बनाया गया है।

कहां है मंदिर
राजधानी पटना से करीब 116 किलोमीटर और जिला मुख्यालय लखीसराय से करीब 17 किलोमीटर गंगा किनारे अवस्थित है बड़हिया प्रखंड मुख्यालय। यहीं मुख्य बाजार में कृष्ण चौक पर स्थित है माता का भव्य मंदिर। यहां आने के लिए सड़क और रेल मार्ग सुगम है। मंदिर के बहुत ही नजदीक में ही बड़हिया रेलवे स्टेशन है जहां से पैदल मंदिर तक जाय जा सकता है।

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