पूरे विश्व में महान कवि के रूप में कालिदास जाने जाते हैं – डॉ मुरारी मोहन झा

 

सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए कालिदास के पुस्तक का अध्ययन जरूरी है,कालिदास से ही कविता शुरू हुई है- डॉ सत्यवान कुमार।

डीएनबी भारत डेस्क

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सर्वमंगला अध्यात्म योग विद्यापीठ सिमरिया काली धाम के ज्ञान मंच पर मंगलवार को आयोजित महाकवि कालिदास जयंती समारोह सह द्वादश कुंभ एवं स्वामी चिदात्मन पुस्तक का विमोचन एवं दिव्य चक्षु पुस्तक का लोकार्पण करते हुए दरभंगा जिले में केवटी विधायक डॉ मुरारी मोहन झा ने कहा कि सनातन धर्म को जागृत करने और आगे बढ़ाने के लिए महाकवि कालिदास के पुस्तक का अध्ययन करना जरूरी है। हम-सब अपने -अपने परिवार में पौराणिक पुस्तक का अध्ययन करवाएं। पूरे विश्व में महान कवि के रूप में कालिदास जाने जाते हैं। वहीं संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा वेद विभाग के डॉ सत्यवान कुमार ने कहा कि कविताओं की परंपरा महाकवि कालिदास से शुरू हुई। सारे कवि कालिदास की कविता से होकर मिलते हैं।

कालिदास से ही कविता शुरू हुई और वहीं से कवि उत्पन्न हुए। उन्होंने कहा स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने सिमरिया धाम में कुंभ परंपरा को जागृत कर मिथिला की धरती को एक सौगात दे दिए।जो शास्त्र संवत है ‌। उन्होंने कहा भगवान की जितनी भी लीला है हमारे जीवन के लिए वह अनुकरणीय है। भगवान की हर लीला में संदेश छिपा है। समारोह को बिहार सरकार के पूर्व अपर सचिव डा रंगनाथ दिवाकर , मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के संस्कृत विभाग के डा संजीत कुमार झा, वेद विभाग डॉ ध्रुव कुमार मिश्र , संस्कृत कालेज रहीमपुर खगड़िया डॉ अवधेश शर्मा, डॉ प्रेमचन्द्र मिश्र, मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के डॉ विपिन कुमार झा सहित अन्य ने कालीदास के संदर्भ में अपना विचार रखा।

आगत अतिथियों को अंग वस्त्र व पाग सचिव दिनेशानंद, पीठाधीश्वर सुलभानंद, डॉ विजय कुमार झा के द्वारा किया गया। स्वस्ति वाचन आचार्य नारायण झा, पंडित पद्मनाभन,मोनू झा के द्वारा किया गया। मंच संचालन डॉ धनश्याम झा के द्वारा किया गया। मौके पर स्वामी चिदात्मन जी महाराज, प्रो पी के झा प्रेम, सत्यानंद जी, सुशील चौधरी, प्रो रमेश कुमार, अखिलेश्वरानंद, श्रवण कुमार, राजीव कुमार, अभिजीत वत्स, विनय कुमार झा, राधेश्याम, राम, लक्ष्मण सहित अन्य मौजूद थे।

 

बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट

 

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