मां का दूध बच्चों का सर्वोत्तम आहार, बोतल के दूध का न करें प्रयोग, स्तनपान जरूरी- सीडीपीओ

मां का दूध बच्चों के लिए अमृत के समान होता है, खोदावंदपुर परियोजना में सेविकाओं का मासिक बैठक सम्पन्न।

मां का दूध बच्चों के लिए अमृत के समान होता है, खोदावंदपुर परियोजना में सेविकाओं का मासिक बैठक सम्पन्न।

डीएनबी भारत डेस्क 
मां का दूध बच्चों के लिए अमृत के समान होता है। मां का दूध बच्चों का सर्वोत्तम आहार है, इसलिए छह माह तक बच्चों को सिर्फ और सिर्फ मां का दूध ही पिलाएं। उक्त बातें खोदावंदपुर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी डॉ दर्शना कुमारी ने सेविकाओं को संबोधित करते हुए कही। खोदावंदपुर परियोजना कार्यालय में आयोजित सेविकाओं कि मासिक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मां का दूध बच्चों को डायरिया, दस्त जैसे कई रोगों से बचाता है।

मां के दूध में मौजूद पोषक तत्व बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। मां का दूध पीने वाले बच्चों का विकास तेजी से होता है। छह माह बाद बच्चों को ऊपरी आहार देना है। स्तनपान रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अहम भूमिका अदा करता है। इसलिए बोतल के दूध को कड़ें न स्तनपान करवाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि बदलते परिवेश में अधिकांश महिलाएं अपने नवजात शिशुओं को स्तनपान करवाने से परहेज करने लगी है। उनका मानना है कि स्तनपान कराने से शारीरिक कमजोरी होती है और शरीर की संरचना पर भी असर पड़ता है।

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यही कारण है कि अधिकांशतः महिलाएं स्तनपान न करवाकर बोतल के दूध बच्चे को पिलाती है। जो गलत धारणा है, इसी भ्रम को दूर करने के लिए विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने सेविकाओं से कहा कि 01 अगस्त यानी आज से से 07 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया गया है जिसके तहद सभी सेविकाओं को अपने अपने पोषक क्षेत्र में स्तनपान करवाने के लिए महिलाओं को जागरूक करना है। गांव देहात की कामकाजी महिलाएं जो आज भी पुराने विचारों पर चलते हैं।

प्रसव के बाद जो मां का सबसे पहला गाढ़ा पीला दूध जिसे लोग ख़िरसा भी कहते हैं देना मुनासिब नही समझते हैं। लेकिन इसको लेकर महिलाओं में फैली भ्रांति को सेविकाएं घर घर जाकर दूर करेगी। खासकर सेविकाएं जो गर्भवती महिलाएं हैं उन्हें मां का पहला गाढ़ा पीला दूध के महत्व को अवश्य बतावें ताकि प्रसव के तुरंत प्रसूता नवजात को गाढ़ा पीला दूध पिला सकें। जिसका मुक्कमल फायदा उस नवजात को मिल सके। उन्होंने बोतल के दूध को न और स्तनपान जरूरी को लेकर महिलाओं को जागरूक करने के लिए प्रभात फेरी करने का निर्देश दिया।

मासिक बैठक में सेविकाओं को पीएमएमभीवाई, एमकेयूवाई, पोषण ट्रैकर से सम्बंधित गतिविधि को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। बैठक में लेखपाल मार्तण्ड नाथ ठाकुर, पर्यवेक्षिका उपशना कुमारी, आरती सिन्हा, उषा कुमारी, बीसी सुबोध कुमार, सुरेंद्र कुमार सहित प्रखंड क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका मौजूद थे।

बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नीतेश कुमार गौतम 

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