लोकसभा चुनाव में तेघड़ा स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव का मुद्दा गरमाया

तेघड़ा स्टेशन पर महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेनों की ठहराव के लिये विगत कई वर्षों से आंदोलन चल रहा है

डीएनबी भारत डेस्क

लोकसभा चुनाव में तेघड़ा स्टेशन पर महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की माँग एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है। लोगों का कहना है कि अनुमंडल मुख्यालय होने के बावजूद तेघड़ा स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। पूर्व में इस स्टेशन पर मिथिला एक्सप्रेस एवं टाटा छपरा एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों का ठहराव हुआ करता था किंतु कोरोना काल में इन दोनों ट्रेनों का ठहराव बंद कर दिया गया।

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इस संबंध में स्थानीय लोगों ने रेल अधिकारियों सहित स्थानीय सांसद को कई बार ज्ञापन सौंपकर मिथिला एक्सप्रेस, टाटा छपरा एक्सप्रेस, मौर्य एक्सप्रेस, बाघ एक्सप्रेस आदि ट्रेनों के ठहराव की माँग की किंतु इस माँग को ठंढ़े बस्ते में डाल दिया गया जिससे लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है।

अब लोकसभा चुनाव के दौरान ट्रेनों की ठहराव की माँग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। तेघड़ा विकास संघर्ष समिति के संयोजक सह अधिवक्ता शशिभूषण भारद्वाज ने बताया कि चुनाव में वोट लेकर लोग जनप्रतिनिधि बन जाते हैं लेकिन बाद में वे जनता की समस्याओं को भूल जाते हैं।

तेघड़ा विकास संघर्ष समिति से जुड़े अधिवक्ता प्रमोद कुमार, विभूति भूषण राय आदि ने कहा कि तेघड़ा स्टेशन पर महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेनों की ठहराव के लिये विगत कई वर्षों से आंदोलन चल रहा है लेकिन रेल विभाग या स्थानीय सांसद ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया।

बेगूसराय तेघरा संवाददाता शशि भूषण भारदुवाज की रिपोर्ट

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