डीएनबी भारत डेस्क
बिहार सरकार के निर्देशानुसार दिव्यांग बच्चों कि दिव्यांगता का मुल्यांकन को लेकर बेगूसराय जिला कार्यालय प्रकोष्ठ में उप विकास आयुक्त सुशांत कुमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित किया गया।
बैठक के दौरान वैसे दिव्यांग बच्चों को विभिन्न विभाग द्वारा सुविधा प्रदान करना सुनिश्चित किया गया जिनकी आयु 0 से 18 वर्ष हो। इस अवसर पर जिला प्रशिक्षण पदाधिकारी डॉ गोपाल मिश्र,जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मो जमाल मुस्तफा,एडीएसएस सह डीपीआरओ भुवन कुमार,सहायक निदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण नेहा कुमारी,जिला समावेशी समन्वयक मो मुस्तफा अहमद,जिला समन्वयक सागर कुमार उपस्थित थे।
बैठक के दौरान सभी प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी,बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की संयुक्त बैठक के साथ साथ जिला स्तर के असैनिक शल्य चिकित्सक के द्वारा गठित मैडिकल बोर्ड के दिव्यांगता के विषेश चिकित्सको को एक दिवसीय प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि बाल विकास परियोजना के तहत 3 से 6 वर्ष, एवं 6 से 18 वर्ष के बच्चो को निकटतम विद्यालय में नामांकन अभियान हम भी स्कूल चले, अभियान में अनामांकित दिव्यांग बच्चों का आंगनवाड़ी सेविका सहायिका,टोला सेवक,तालीम मर्कज के द्वारा 0 से 18 के बच्चों का सर्वैक्षण किया गया।
जिसमें 8680 दिव्यांग बच्चों को चिन्हित किया गया था। उन्होंने बताया कि अंकिता प्रखंड दिव्यांगता पंजी का अपडेशन तथा स्वास्थ्य विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के द्वारा समीक्षित 0 से 18 वर्ष के आयु के बच्चों को प्रखंड पंजी से मिलान करते हुए दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर बच्चों को यूआईडी कार्ड उपलब्ध कराने,जिसके आधार पर पेंशन समेत अन्य सुविधाएं से जोड़ने हेतू अभियान चलाने व उन्हें अन्य सुविधा उपलब्ध कराने तथा आंगनवाड़ी केन्द्र व कस्तुरबा विद्यालय में नामांकन कराने तथा चिन्हित दिव्यांग बच्चों को जरुरत के हिसाब से चिकित्सा व्यवस्था करना आदि शामिल हैं।
बेगूसराय से सुमित कुमार बबलू की रिपोर्ट