किसानों ने सिखा जलवायु अनुकूल खेती का गुर,पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ
बढ़ती आबादी के कारण खाद्यान, दलहन,तेलहन,फल सब्जी,दूध,मांस,आदि खाद्य पदार्थो की मांग बढ़ रही है। ऐसे में परम्परागत खेती से हटकर जलवायु अनुकूल खेती ही एक मात्र विकल्प है–डॉ.रामपाल
डीएनबी भारत डेस्क
जिले के किसानों को जलवायु अनुकूल खेती में पारंगत बनाने का निर्णय आत्मा ने लिया है । आत्मा बेगूसराय द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर परिसर में किसानों का पांच दिवसीय जलवायु अनुकूल खेती का प्रशिक्षण आयोजित किया गया है । सोमवार को केवीके के वरीय वैज्ञानिक सह प्रभारी डॉ.रामपाल और प्रखंड कृषि पदाधिकारी पारसनाथ काजी संयुक्तरूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया ।
किसानों को संबोधित करते हुए डॉ. पाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौषमी घटनाएं खेती किसानी के सामने आज के दौर में चुनौती बनकर उभर रही है । अक्सर देखा जाता है बारिश के दिन घट रहे हैं । तो कभी कभी वर्षात की चरमता के कारण दो से तीन दिनों में ही जरूरत से ज्यादा बारिश हो जा रही है । जब वर्षा की जरूरत होती है तो वर्षा नही होता है । ऐसा होने के कारण लंबे ड्राईस्पेल के चलते वर्षा आधारित फसलें सुख जाती है ।
दूसरी तरफ बढ़ती आबादी के कारण खाद्यान, दलहन, तेलहन,फल सब्जी , दूध,मांस,आदि खाद्य पदार्थो की मांग बढ़ रही है । ऐसे में परम्परागत खेती से हटकर जलवायु अनुकूल खेती ही एक मात्र विकल्प है । उन्होंने जलवायु अनुकूल खेती के विभिन्न टिप्स की जानकारी किसानों को दिया । सैद्धांतिक प्रशिक्षण सत्र के पश्चात किसानों को केवीके परिक्षेत्र में ले जाकर जलवायु अनुकूल खेती वाले फसलो का अवलोकन करवाते हुए उसका व्यवहारिक ज्ञान दिया ।
प्रशिक्षण में मंझौल अनुमंडल क्षेत्र के जिज्ञासु किसानों ने भाग लिया । इसकी जानकारी देते हुए कृषि समन्वयक मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि पांच दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में जिले के पांचो अनुमंडल के किसान यहां आकर एक एक दिन का प्रशिक्षण लेंगे । मौके पर कृषि समन्वयक पवन कुमार सिंह , किसान झुना सिंह , राजेश कुमार , मोहन कुमार सहित दर्जनों किसान मौजूद थे ।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नीतेश कुमार की रिपोर्ट