बेगूसराय के सिमरिया में कल्पवास मेला आज से शुरू, डीएम ने किया उद्घाटन

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डीएनबी भारत डेस्क 

जिला पदाधिकारी रोशन कुशवाहा, पुलिस कप्तान योगेन्द्र कुमार, एमएलसी सर्वेश कुमार, एमएलए बेगूसराय कुन्दन कुमार, डीडीसी सुशांत कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर बेगूसराय के सिमरिया गंगा घाट पर आयोजित राजकीय कल्पवास मास मेला का उद्घाटन किया। मौके पर डीटीओ राजेश कुमार, सदर एसडीओ रामानुज प्रसाद सिंह, जिला भू अर्जन पदाधिकारी विजय कुमार, एसडीसी सुनंदा कुमारी, कार्यपालक पदाधिकारी नप बीहट मो नसीमुद्दीन खां, सीओ सुजीत सुमन, चकिया ओपी अध्यक्ष दिवाकर प्रसाद सिंह, डीआईओ डा गोपाल मिश्रा, पीएचसी प्रभारी डा संतोष कुमार झा, अग्निशमन प्रभारी बरौनी संजय कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, घाट संवेदक दिलीप कुमार, मेला संवेदक विजय कुमार, अमीन सुरेन्द्र सिन्हा, राजस्व कर्मचारी राम सागर पासवान, मेला महासचिव रविन्द्र सिंह, चंद्रचूड़ सिंह, रामजी झा सहित कई अन्य प्रमुख पदधारी एवं खालसा धारी, साधु -संत , गणमान्य नागरिक आदि उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ कुंंदन कुमार ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन एडीएम राजेश कुमार सिंह ने किया। वहीं कल्पवास करने का प्रावधान राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन बेगूसराय के देखरेख में आयोजित राजकीय कल्पवास मास मेला के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए विधानपार्षद सदस्य सर्वेश कुमार ने कहा कि सिमरिया घाट के स्थान पर सिमरिया धाम शब्द को प्रचलित करें अधिक से अधिक इस शब्दों का प्रयोग करें। कल्पवास मास मेला को देखते हुए निकटवर्ती रेलवे स्टेशन पर अधिक से अधिक ट्रेनों का ठहराव हो इसके लिए प्रबंधन एवं मंत्रालय स्तर पर पहल किया जाए। जिससे सिमरिया धाम में कल्पवास करने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं हो यातायात व्यवस्था में। उन्होंने कल्पवास की तरफ़ ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि कल्पवास के बहुत नियम हैं जिसमें 21 मुख्य नियमों को बतलाया गया है । वहीं गृहस्थ आश्रम के लिए भी प्रयाग राज़, हरिद्वार एवं सिमरिया धाम सहित अन्य पावन स्थानों पर प्राचीन काल से ही कल्पवास करने का धार्मिक और सांस्कृतिक परम्परा है।

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विधान पार्षद सर्वेश कुमार ने कहा कि प्रगति केवल भौतिक रूप से नहीं हो बल्कि आध्यात्मिक प्रगति जरूरी है और इसके लिए गृहस्थ आश्रम के बाद लोग एक महीने के लिए कल्पवास करने आते रहे हैं। सिमरिया कल्पवास का पौराणिक महत्व रहा है। सिमरिया घाट की सीमा से तीन महाजनपद जुड़ा रहा है। इसलिए आज सिमरिया को फिर से एक बार विकसित करने की आवश्यकता है। वहीं बेगूसराय नगर विधायक कुन्दन कुमार ने कहा कि प्रयाग के तट पर स्वयं ब्रह्मा कल्पवास करने आए थे। ठीक उसी रूप में सिमरिया घाट पर राजा जनक ने भी कल्पवास के समय अपना नियम किया था। उन्होंने कहा कि सिमरिया धाम का ऐतेहासिक विकास होगा, जिसके लिए जिला प्रशासन स्तर पर तैयारी चल रही है। जबकि जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने कहा कि सिमरिया धाम का आदिकाल से पौराणिक महत्व है और यह मोक्षदायिनी भी रहा है। आज इसके महत्व से सभी वाकिफ हैं।

डीएम ने कहा कि आने वाले समय में सिमरिया धाम और संस्कृति का बहुत बड़ा केंद्र बनेगा, जिसके लिए प्रयास शुरू हैं। उद्घाटन समारोह में एसपी बेगूसराय योगेंद्र कुमार ने कहा कि सिमरिया का यह पर्व देशभर में प्रसिद्ध है। ऐसी स्थिति में देशभर के श्रद्धालुओं का यहां आना होता है। इसलिए जिला प्रशासन भी उसी तरह की व्यवस्था, सुरक्षा और सुविधा देने के लिए तैयार है। वहीं सांसद प्रतिनिधि अमरेन्द्र कुमार अमर ने कहा कि सिमरिया आज बिहार की आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक राजधानी है। यह दिनकर की कर्मभूमि और विद्यापति की आराधना भूमि है। अब सिमरिया नए रूप में दिखाई दे क्योंकि यहां संभावनाओं के द्वार खुले हुए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से सिमरिया घाट के विकास लिए बेहतर प्रयास किये जाने की अपेक्षा की।

बेगूसराय से धर्मवीर कुमार

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