कला की समसामायिकता को बरकरार रखने के लिए बदलते समय और तकनीक के साथ रंगमंच को जोड़ना बहुत ज़रूरी है – ऋषिकेश कुमार

 

15 दिवसीय नाट्य कार्यशाला में बाल रंगमंच के कलाकार सीख रहे हैं अभिनय की नई बारीकियां

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिले के बीहट में बाल रंगमंच आर्ट एण्ड कल्चरल सोसाइटी, मल्हीपुर , बीहट के द्वारा 15 दिवसीय नाट्य कार्यशाला में बाल रंगमंच के कलाकार सीख रहे हैं अभिनय की नई बारीकियां । राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली से पास आउट सिकंदर कुमार के द्वारा बच्चों को आंगिक अभिनय , संगीत , ताल के साथ अभिनय के विभिन्न आयामों से बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।

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बाल रंगमंच के निदेशक युवा रंगकर्मी ऋषिकेश कुमार ने बताया की इस नाट्य कार्यशाला मे बच्चे को रंगमंच रंगमंच के विभिन्न आयामों के बारे मे सीखने का मौका मिल रहा है। तथा कार्यशाला के अंत मे एक नाटक की प्रस्तुति करेंगे।बदलते समय और तकनीक के साथ रंगमंच को जोड़ना बहुत ज़रूरी है।तभी रंगमंच के कलाकार और आने वाली पीढ़ी इस कला की समसामायिकता को बरकरार रख पाएंगे।

आज मनोरजन का सबसे बड़ा माध्यम हर इंसान के पॉकेट में है। रंगममच का सीधा मुकाबला इन्ही माध्यमों से है।इसलिए नया नाट्य आलेख ,अभिनय में नवीनता पन लाना होगा । इसके लिए गहन प्रशिक्षण की ज़रूरत है। कार्यशाला की  रूप रेखा इन्हीं सब बातों को ध्यान मे रखकर किया गया है। इस कार्यशाला में बच्चे शास्त्रीय नाट्य परम्परा और आधुनिक नाट्य परम्परा से भी अवगत हो रहे हैं।

नाट्य कार्यशाला में पूर्णिमा कुमार, साक्षी कुमारी, मुस्कान कुमारी , कुणाल कुमार, आकाश कुमार, वीजेंद्र कुमार, राजेश कुमार, रोहित कुमार, निश्चय कुमार आर्य, निर्णय कुमार आर्य, नीतीश कुमार, सुजीत कुमार , सुमित कुमार, , रोहित कुमार, आंचल कुमारी, ऋषि कुमार आदि युवा कलाकार नाटक का प्रशिक्षण ले रहे हैं।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट

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