समस्तीपुर:टपकती छत,विद्यालय परिसर में भरे पानी के बीच पढ़ने के लिए मजबूर बच्चे

राजकीय मध्य विद्यालय एरौत में करीब 610 छात्र-छात्रा नामांकित है आठ कमरों में विद्यालय संचालित हो रहा है,जिसमें चार वर्ग कक्ष पक्का निर्मित और चार वर्ग कक्ष खपरैल का है जर्जर खपरैल भवन का उपरी हिस्सा टुटकर गिरने के कगार पर है।

विद्यालय परिसर में जल जमाव बढ़ने से वर्ग में आए दिन जहरीले बिच्छू सहित अन्य कीड़े मकोड़े मंडराते रहते है,कभी कभार सांप भी दिखाई देता है।

डीएनबी भारत डेस्क

समस्तीपुर में शिक्षा व्यवस्था में बेहतर सुधार को लेकर इन दोनों शिक्षा विभाग के पदाधिकारी कई विद्यालयों का निरीक्षण कर रहे हैं आज भी ऐसे विद्यालय आपको गांव में देखने को मिल जाया करेंगे जहां सुविधा के अभाव में छात्र-छात्राएं काफी परेशानियों से गुजर कर पठन-पाठन करने को मजबूर रहती है, जी हां एक ऐसा ही विद्यालय रोसड़ा के एरौत गांव में है,राजकीय मध्य विद्यालय एरौत परिसर में वारिस के बाद कई दिनों से विद्यालय परिसर में जल जमाव की स्थिति बनी हुई है हालत इतना खराब है कि दूषित पानी विद्यालय के कक्षा में भी देखने को मिल जायेगा,साथ ही साथ विद्यालय के कई कमरे भी जर्जर है ऊपर में खपड़े का छप्पर होने के कारण वर्षा के दौरान बारिश का पानी गिरता रहता है,

जल जमाव के बीच रसोइया हाथो में मध्यान भोजन के दौरान खाने का सामान लेकर इधर से उधर बच्चों के खिलाने के लिए आते जाते आप तसबीर में देख सकते है,विद्यालय के छात्र इन सभी परेशानियों से गुजर कर रोज पढ़ने आया करती है,लेकिन विभाग के लोग इस परेशानियों से निजात दिलाने को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए है, बारिश के समय में जल जमाव के कारण बच्चों का पठन-पाठन आए दिन प्रभावित रहता है,

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विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि इस राजकीय मध्य विद्यालय एरौत में करीब 610 छात्र-छात्रा नामांकित है आठ कमरों में विद्यालय संचालित हो रहा है,जिसमें चार वर्ग कक्ष पक्का निर्मित और चार वर्ग कक्ष खपरैल का है जर्जर खपरैल भवन का उपरी हिस्सा टुटकर गिरने के कगार पर है ,आए दिन ऊपर से खपड़ा गिरने कारण छात्र छात्रा समेत शिक्षक लोग चोटिल हो चुके हैं |  विद्यालय में मुकम्मल व्यवस्था नहीं रहने के कारण नामांकित छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भी कम रहता है |

शिक्षकों ने बताया कि इस मध्य विद्यालय एरौत में कक्षा 1 से 8 तक का वर्ग संचालन होता है ।जिसमें  सिर्फ एक ही क्लास के लिए बेंच डेक्स है और सभी वर्ग में बच्चे बोरा पर बैठ कर पढ़ाई करते हैं ।विद्यालय के खिड़की के गेट भी क्षतिग्रस्त स्थिति में है। इधर विद्यालय के छात्र छात्राओ ने बताया कि विद्यालय परिसर व कक्षा में जल जमाव के कारण उन्हें पढ़ाई करने में काफी दिक्कत्ते होती है विद्यालय परिसर में जल जमाव बढ़ने से वर्ग में आए दिन जहरीले बिच्छू सहित अन्य कीड़े मकोड़े मंडराते रहते है,कभी कभार सांप भी दिखाई देता है,।

विद्यालय में हुए जल जमाव को लेकर प्रभारी प्रधानाध्यापक नारायण झा ने बताया कि विद्यालय में चाहर दिवारी नहीं होने के कारण वारिस के दौरान बगल में बना गड्ढा पानी से भर जाता है पानी ज्यादा होने पर वही पानी विद्यालय परिसर होते हुए वर्ग कक्षा तक पहुंच जाता है  जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होता रहता है । इस समस्या को लेकर कई बार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी समेत जिले के वरीय पदाधिकारी को सूचना दे चुके है, विद्यालय परिसर में दूषित पानी जमा रहने कारण बच्चों की पढ़ाई के साथ साथ मध्यान भोजन भी प्रभावित रहता है।

पास के मंदिर परिसर में लगे चापाकल से शुद्ध पानी लाकर मध्यान भोजन और बच्चो के पीने का पानी उपयोग किया जाता है। इधर इस मामले को लेकर रोसडा़ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने  बताया कि विद्यालय में जल जमाव की समस्या को लेकर जानकारी मिला है। जल जमाव की स्थिति को देखते हुए राजकीय मध्य विद्यालय एरौत को बगल के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कन्या एरौत में शिफ्ट करने को लेकर पत्र निर्गत किया जा रहा है।

समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट

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