आईआईटी पटना में चल रहे आईएसएमएस 2030 फेज 2 हुआ संपन्न

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना में चल रहे इंस्ट्रक्शनल स्कूल फॉर मैथमेटिकल साइंसेज के फेज 2 का हुआ समापन समारोह

 

Midlle News Content

डीएनबी भारत डेस्क 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना में चल रहे इंस्ट्रक्शनल स्कूल फॉर मैथमेटिकल साइंसेज (आईएसएमएस 2030) के फेज 2 का आज समापन समारोह का आयोजन आईआईटी पटना प्रांगण में किया गया। यह आईएसएमएस 2023, बिहार सरकार के शिक्षा विभाग का एक महत्वकांक्षी पहल है जिसका उद्देश्य छात्रों को गणित पाठ्यक्रम में रोमांचक विषयों पर प्रशिक्षित करना है जो उनके नियमित स्कूल में अध्ययन करते हैं। साथ ही साथ इस कार्यशाला के द्वारा छात्रों को गणित सीखने पर जोर दिया जा सके।

आईएसएमएस 2023 कार्यशाला, के प्रथम चरण के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, कक्षा 9 से 12 तक के 550 छात्रों को 16 जून से 30 जून 2023 तक प्रशिक्षित किया गया और चरण II में, कक्षा 6 से 8 तक के लगभग 400 छात्रों को 1 जुलाई से 30 जुलाई 2023 तक प्रशिक्षित किया गया है। यह कार्यशाला आवासीय रूप में अयोजित किया गया। आज के इस समापन समारोह के अवसर पर सभी छात्रों को सर्टिफिकेट एवं मेडल द्वारा सम्मानित किया गया।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रो आरके शर्मा आईआईटी दिल्ली ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि बिहार की भूमि गणित के क्षेत्र में उर्वर रही है एवं हमारे दैनिक जीवन में गणित का बहुत महत्व है। यह ट्रैनिंग प्रोग्राम नि:संदेह छात्रों के भविष्य निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी। आगे छात्रों को संबोधित करते हुए प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि किस प्रकार से कोई फार्मूला अस्तित्व में आया है, इसके विषय में भी विद्यार्थियों को जानने की कोशिश करनी चाहिए। इस मौके पर आईआईटी पटना के निदेशक प्रो टीएन सिंह ने भी छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में छात्रों और शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान है। विद्यार्थियों को हर छोटी-छोटी चीज से सीखने की जरूरत है, तभी वे किसी भी क्षेत्र में बेहतर काम कर सकते हैं। उन्होंने चंद्रयान 3 की सफलता के पीछे समर्पित प्रयासों का हवाला देकर छात्रों को प्रेरित किया।

कार्यक्रम के अन्य अतिथि एवं कार्यशाला के पेट्रॉन प्रोफेसर केसी सिन्हा, वाइस चांसलर नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा की विद्यार्थी जीवन में किसी भी पाठ्य को अगर आप पढ़ते हैं तो उसे कम से कम एक बार पढ़ना चाहिए, 2 बार लिखना चाहिए और तीन बार उसके बारे में सोचना चाहिए, इससे आपकी तार्किक शक्ति का विकास होता है और उनमें समाहित तथ्यों को समझने में आपको सहूलियत होती है। डॉ विजय कुमार, कन्वीनर एवं ज्वाइंट सेक्रेट्री बिहार मैथमेटिकल सोसायटी पटना ने कहा कि इस प्रशिक्षण मे आईआईटी एवं देश के प्रतिष्ठित संस्थान के 65 रिसोर्स पर्सन ने भाग लिया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रो जीके श्रीनिवासन, आईआईटी बॉम्बे, प्रो आरके शर्मा, आईआईटी दिल्ली, प्रोफेसर विवेक कुमार मलिक, आईआईटी रूड़की, प्रो एमपी सिंह आईआईटी, आईएसएम धनबाद, प्रो संजीव कुमार आईआईटी रूड़की, राष्ट्रपति पदक से सम्मानित, संतोष कुमार सेन, जवाहर नवोदय विद्यालय रायपुर ने बहुत योगदान दिया। यह कार्यशाला बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के सौजन्य से तथा बिहार मैथमेटिकल सोसायटी एवं आईआईटी पटना के संयुक्त तत्वाधान में आईआईटी पटना में आयोजित किया गया।

समापन समारोह के अवसर पर प्रोफेसर एके ठाकुर डीन एकेडमिक्स आईआईटी पटना, डॉ एन के तोमर कन्वीनर (आईएसएमएस), आईआईटी पटना, डॉ पीके श्रीवास्तव , डॉ के एस पटेल, टीपीओ, आईआईटी, कृपा शंकर सिंह उपस्थित रहे। इनके साथ ही साथ बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के सलाहकार प्रो एन के अग्रवाल, आईआईटी पटना के अन्य फैकेल्टी एवम् स्टाफ उपस्थित थे।

- Sponsored -

- Sponsored -