गढ़पुरा में प्राचार्य एवं शिक्षिका का स्थानांतरण रद्द की सूचना से आक्रोशित ग्रामीणों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ किया देवरा मध्य विद्यालय में तलाबंदी कर विरोध प्रदर्शन

उत्क्रमित मध्य विद्यालय देवरा के प्रधानाचार्य एवं शिक्षिका का कुछ दिन पहले ग्रामीणों की मांग पर किये गया था स्थानांतरण लेकिन शिक्षा पदाधिकारी ने दोनों का स्थानांतरण किया रद्द, आक्रोशित ग्रामीण एवं छात्र छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन।

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उत्क्रमित मध्य विद्यालय देवरा के प्रधानाचार्य एवं शिक्षिका का कुछ दिन पहले ग्रामीणों की मांग पर किये गया था स्थानांतरण लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी ने दोनों का स्थानांतरण किया रद्द, आक्रोशित ग्रामीण एवं छात्र छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन।

डीएनबी भारत डेस्क 

बेगूसराय जिला के गढ़पुरा प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई के द्वारा उत्क्रमित मध्य विद्यालय देवरा के प्रधानाध्यापक एवं एक महिला शिक्षक का कुछ दिनों पहले स्थानांतरण किया गया था। जिसे जिला शिक्षा पदाधिकारी ने निरस्त कर दिया है। इसको लेकर उग्र ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन विद्यालय में ताला लगा दिया है।

जिसकी सूचना पर पहुंचे बीडीओ आफताब आलम, बीपीआरओ अवनीत कुमार सिन्हा एवं पुलिस प्रशासन ने ग्रामीण अभिभावकों को दोनों शिक्षकों के बारे में प्रखंड से लेकर जिला तक के पदाधिकारी को आवेदन दिए जाने का आश्वासन देकर उक्त पदाधिकारी के वहां से चले जाने के बाद। ग्रामीणों ने फिर से विद्यालय में ताला लगा दिया और विरोध प्रदर्शन करने लगे।

ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक शत्रुघन कुमार एवं उनकी पत्नी शिक्षिका सुनीता पाल की मनमानी को लेकर कुछ दिन पहले भी विद्यालय में ग्रामीणों ने ताला लगाकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया था। उसके बाद विद्यालय पहुंचकर प्रखंड प्रमुख अमोल देवी ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मामला को शांत कराया था। उसके बाद प्रखंड नियोजन इकाई के बैठक में 8 शिक्षकों सहित इस विद्यालय के प्रधानाचार्य शत्रुघन कुमार एवं सुनीता कुमारी का स्थानांतरण किया गया था।

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जिसमें शत्रुघन कुमार एवं सुनीता देवी के साथ मोहम्मद अशफाक उस्मानी को जिला शिक्षा पदाधिकारी बेगूसराय के द्वारा प्रखंड नियोजन इकाई के स्थानांतरण आदेश को स्थगित किए जाने का पत्र 2 दिन पूर्व जारी किया गया। जिसकी जानकारी होते ही ग्रामीणों ने बुधवार को विद्यालय में तालाबंदी कर जिला शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एवं ग्रामीणों ने कहा जब तक इन दोनों शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं किया जाता है। तब तक ग्रामीण विद्यालय में तालाबंदी जारी रखेंगे। ज्ञात हो कि यह विद्यालय अनुसूचित जाति जनजाति बाहुल्य गांव है। अधिकांश बच्चे इन्हीं वर्ग के विद्यालय में पढ़ते हैं।

उन बच्चों के साथ जाति सूचक शब्द का व्यवहार प्रधानाध्यापक शत्रुघन कुमार और उनकी शिक्षिका पत्नी सुनीता पाल द्वारा किया जाता है। विद्यालय विमुक्ति प्रमाण पत्र दिए जाने में रुपए लिए जाते हैं। उपरोक्त बातें विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष वार्ड संख्या 10 के वार्ड सदस्य संतोष पासवान बताते हुए कहा कि जब भी यह विद्यालय जाते हैं। इनके साथ प्रधानाध्यापक के द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है। विद्यालय में शिक्षा समिति की बैठक अबतक नहीं की गई है।

विद्यालय में अंदर और बाहर गंदगी फैला हुआ है। सफाई पर ध्यान नहीं दिए जाता है। मीनू के अनुसार विद्यालय में बच्चों को पोषक आहार भोजन नहीं दिया जाता है। वहीं विद्यालय के वर्ग छह के अभिषेक कुमार, वर्ग 5 के आशुतोष कुमार, वर्ग 7 के सुमित कुमार, वर्ग 6 के राजू कुमार आदि ने बताया कि चापाकल के निकट बहुत गंदगी लगा रहता है। शौचालय में किसी भी बच्चे को शौचक्रिया के लिए प्रधानाध्यापक जाने नहीं देते हैं। वर्ग बार ठीक ढंग से पढ़ाई नहीं होती है। समय पर शिक्षक विद्यालय नहीं आते हैं। मध्यान भोजन में बहुत गड़बड़ी किया जाता है। प्रधानाध्यापक और उनकी शिक्षिका पत्नी के द्वारा छात्र-छात्राओं को जातिसूचक शब्द के साथ पुकारा जाता है।

वहीं अभिभावक पूर्व सरपंच राम संजय पासवान, अकिल देव पासवान, सोनेलाल राम, सतनी देवी, उत्तम पासवान का कहना है कि प्रधानाध्यापक और शिक्षिका पत्नी स्थानीय होने के कारण विद्यालय में धांधली करती है। जब तक इन दोनों को इस विद्यालय से हटाकर दूसरा विद्यालय नहीं किया जाएगा तब तक यह आंदोलन अनवरत चलता रहेगा। विद्यालय शिक्षा समिति की बैठक नहीं की जाती है। प्रधानाध्यापक की मनमानी इतनी चरम पर है कि शिक्षा समिति की बैठक अध्यक्ष के अनुपस्थिति में विद्यालय शिक्षा समिति की सचिव रीता देवी को हटाकर निर्मला देवी को सचिव बना दिया गया है।

वहीं छात्रा वंदन कुमारी के पिता उत्तम पासवान ने बताया कि विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र लिए रुपया लिए जाते हैं। जो छात्र अथवा अभिभावक रुपया नहीं देते हैं उन्हें टीसी नहीं दी जाती है। रुपया नहीं दिए जाने के कारण अभी तक इनके बेटी को टीसी नहीं दिया गया है। इन सब आरोपों के बारे में विद्यालय के प्रधानाध्यापक शत्रुघन कुमार ने बताया कि ग्रामीणों का यह सब आरोप निराधार है। शिक्षा समिति के सचिव पद पर पहले रीता देवी थी। जिनका सहयोग नहीं मिल रहा था। जिसके कारण विभागीय आदेश के बाद निर्मला देवी का चयन कर लिया गया है।

बेगूसराय गढ़पुरा संवाददाता अरूण चंद्र झा

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