बरौनी हर्ल कारखाना से 1228 मेट्रिक टन अपना यूरिया खाद की पहली रेक जमुई के लिए रवाना

हर्ल कारखाना बरौनी में खाद उत्पादन शुरू होने से खाद व्यवसायिक के साथ बाजार और किसानों के चेहरे की बढ़ेगी रौनकें।

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हर्ल कारखाना बरौनी में खाद उत्पादन शुरू होने से खाद व्यवसायिक के साथ बाजार और किसानों के चेहरे की बढ़ेगी रौनकें।

डीएनबी भारत डेस्क 

ऐतिहासिक पल जब हर्ल खाद कारखाना बरौनी से पहली मालगाड़ी रैक अपना यूरिया खाद लेकर जमूई के लिए रवाना हुई। जिस दिन की प्रतिक्षा में देश के किसान एक लंबे अर्से से प्रतिक्षारत थे, आखिरकार सपना सकार हुआ और प्रतिक्षाएं साकारात्मक रूप से पूरी हुई। उसी सपना को सच में बदलते हुए हर्ल कारखाना बरौनी से पहली बार रेल मालगाड़ी मिनी रेक लेकर जमूई के लिए 16 नंवबर को रवाना हुआ। और खाद के क्षेत्र में देश ने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाया।

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सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी अनुसार अपना यूरिया खाद की मिनी रेक-में 21 बैगन की थी। जिसमें 45 किलोग्राम प्रति बैग में 1228 मैट्रिक टन यूरिया खाद थी। जिसे लेकर ट्रेन जमूई के लिए रवाना हुआ। इस ऐतिहासिक पल का गवाह प्रत्यक्ष रूप से हर्ल में कार्य करने वाले कर्मी और पदाधिकारी के साथ अप्रत्यक्ष रूप से पूरे देश के किसान थे। इस अवसर पर वाईस प्रेसिडेंट अशोक कुमार बंसल, वाईस प्रेसिडेंट केएम बाबू, वाईस प्रेसिडेंट धर्मेन्द्र बग्गा सहित कंपनी के सभी अधिकारी, प्रबंधक एवं पर्यवेक्षक तथा कर्मचारी उपस्थित थे। हलांकि इतनी बड़ी उपलब्धि को हर्ल प्रबंधन के द्वारा मीडिया से साझा नहीं किया जाना प्रबंधन की संवेदनहीनता को दर्शाता है। वहीं पूरे जिले में यह चर्चा का विषय है। वहीं इस उपलब्धि के बारे में जानने के लिए मीडिया प्रतिनिधि ने प्रबंधक हर्ल से संपर्क करने का प्रयास किया पर उनके द्वारा जबाब देना उचित नहीं समझा गया।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार 

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