24 वर्षों बाद बरौनी खाद कारखाना में उत्पादन शुरू, जानें इसकी विशेषताएं…
3850 मैट्रिक टन यूरिया का उत्पादन होगा प्रतिदिन। प्रतिदिन 2200 मैट्रिक टन अमोनिया का होगा उत्पादन। परियोजना की कुल लागत लगभग 8388 करोड़ रुपया। हर्ल कारखाना से नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन शुरू।
3850 मैट्रिक टन यूरिया का उत्पादन होगा प्रतिदिन। प्रतिदिन 2200 मैट्रिक टन अमोनिया का होगा उत्पादन। परियोजना की कुल लागत लगभग 8388 करोड़ रुपया। हर्ल कारखाना से नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन शुरू
डीएनबी भारत डेस्क
केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड बरौनी (हर्ल बरौनी) खाद कारखाना से केन्द्र की मोदी सरकार की विकास नीति व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की विशेष पहल पर मंगलवार की रात से नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन शुरू हो गया है। यूरिया का उत्पादन शुरू होने के साथ ही हर्ल बरौनी के पदाधिकारियों व कर्मचारियों सहित कार्यरत कंपनी के पदाधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। हालांकि हर्ल बरौनी ने अभी उत्पादन की आधिकारिक घोषणा नहीं की है वहीं रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मंडविया ने ट्वीट कर जानकारी दी कि हर्ल बरौनी यूनिट में उत्पादन शुरू कर दी गई है।
हर्ल बरौनी में उत्पादन से बिहार के किसानों को उन्नत किस्म के नीम कोटेड यूरिया के साथ बेहतर खेती और स्थानीय लोगों के बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे। अब नये स्वरुप में हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड बरौनी के द्वारा नीम कोटेड यूरिया उत्पादन होने लगा। जो नयी तकनीक व टेक्नोलॉजी, सुरक्षा के विश्व स्तरीय इंतजाम व जीरो प्रतिशत प्रदूषण से लैस है। जबकि हर्ल खाद कारखाना 8 हजार 388 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण किया गया है।
खाद कारखाना को एनटीपीसी, आइओसीएल, कोल इंडिया 30 -30 प्रतिशत के साथ एचएफसीएल और एफसीआई 10 प्रतिशत शेयरदार है। नये प्लांट का ओवर ऑल निर्माण कार्य कार्यरत कंपनी एलएण्डटी एवं टेकनीप एफएमसी के द्वारा पूरी कर ली गई है। प्लांट से अमोनिया का उत्पादन प्रतिदिन 2200 मैट्रिक टन जबकि प्रतिदिन यूरिया का उत्पादन 3850 मैट्रिक टन का उत्पादन किया जाएगा। इस परियोजना को गैस पर संचालित किया जाएगा। नये कारखाना को गैस से संचालित करने को लेकर गैस गेल कंपनी टेप आफ प्वाइंट के द्वारा कारखाना को गैस आपूर्ति के लिए बनकर तैयार है।
हिंदुस्तान का अपना यूरिया!
बिहार के बरौनी खाद कारखाने में यूरिया उत्पादन शुरू हो चुका है।
बंद पड़े इस कारख़ाने का निर्माण प्रधानमंत्री @NarendraModi जी के नेतृत्व में दोबारा से किया गया था। यूरिया का उत्पादन शुरू होने से आत्मनिर्भर भारत की तरफ हमने एक और कदम बढ़ाया है। pic.twitter.com/vsWymcB0kv
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) October 20, 2022
चौबीस वर्ष बाद एक बार फिर से हर्ल कारखाना बरौनी से यूरिया खाद का उत्पादन शुरू होने के बाद बेगूसराय सहित उत्तर बिहार गुलजार होगा। जानकारी अनुसार विगत वर्ष 1998 ई में हिन्दुस्तान फर्टिलाइजर काॅरपोशन लिमिटेड बरौनी से खाद का उत्पादन बंद कर दिया गया था। वर्ष 2002 ई में सभी पदाधिकारी व कर्मचारियों को बीआरएस देकर हटा दिया गया था। इतने समय से बंद पड़े खाद कारखाना को केंद्र की मोदी सरकार ने हर्ल कारखाना के रूप में पुर्नजीवित कर बेगूसराय की जनता को नयी सौगात दिया।
350 स्थायी कर्मचारी
हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड को संचालित करने के लिए 350 स्थायी कर्मचारी की तैनाती की जाएगी। जबकि दो हजार पांच सौ लोगों को अस्थाई रुप से रोजगार मिलेगा। हर्ल कारखाना के निर्माण में पाइलिंग, प्रीलिंग टाॅवर जो 145 मीटर ऊंची होगी, कुलीन टावर, पावर सब स्टेशन, कारखाना के ऑफिस, प्लांट का भवन निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।
जल की व्यवस्था
कारखाना परिचालन के लिए जल की आवश्यकता गंगा नदी से पाइपलाइन के द्वारा जल उपलब्ध कराया गया है। गंगा नदी में प्लांट लगा दिया गया है।
कारखाना का एरिया
हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड हर्ल कारखाना 350 एकड़ की जमीन पर निर्माण किया जा रहा है। जिसमे कार्यालय, वृक्षारोपण सहित अन्य कार्य किए जायेंगे। जबकि 130 एकड़ में नया टाउनशिप बसाया जाएगा।जमीन बिहार सरकार के द्वारा दी गई है। तत्काल कॉलोनी में बारह ब्लाक के क्वार्टर को तैयार किया गया है।
बेगूसराय से धर्मवीर कुमार