हिंदी भाषा में काम करना भावुक प्रतिक्रिया नहीं बल्कि हमारा मौलिक अधिकार – प्रो चंद्रभानु प्रसाद

एनटीपीसी बरौनी में हिंदी राजभाषा पखवाड़ा का हुआ समापन। समारोह पूर्वक किया गया हिंदी पखवाड़ा समापन। कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी की गई आयोजित

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एनटीपीसी बरौनी में हिंदी राजभाषा पखवाड़ा का हुआ समापन। समारोह पूर्वक किया गया हिंदी पखवाड़ा समापन। कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी की गई आयोजित

डीएनबी भारत डेस्क 

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एनटीपीसी बरौनी में राजभाषा हिन्दी के प्रचार- प्रसार एवं कार्यालयीन कार्यों में प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 14 से 30 सितंबर तक हिन्दी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। हिन्दी पखवाड़ा के दौरान एनटीपीसी बरौनी में कार्यरत कर्मचारियों, सीआईएसएफ़ तथा उनके परिवार के सदस्यों के लिए हिन्दी निबंध, कविता पाठ, भाषण, हस्ताक्षर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिसमें प्रतियोगिताओं ने बढ़- चढ़ कर भाग लिया। पखवाड़े का समापन समारोह 30 सितंबर को स्टेज-2 में स्थित, प्रशासनिक भवन के सभागार में आयोजित किया गया।

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में दरभंगा विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग के आचार्य प्रो डॉ चंद्रभानु प्रसाद सिंह और विशेष आमंत्रित के तौर पर एनटीपीसी दादरी के राजभाषा अधिकारी आलोक अधिकारी सम्मिलित हुए। परियोजना प्रमुख रमाकांत पंडा द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत अंगवस्त्र और मधुबनी पेंटिंग भेंट करके किया गया। प्रो चंद्रभानु प्रसाद सिंह ने अपने संबोधन में भाषा की महत्वता के ऊपर प्रकाश डालते हुए हिन्दी भाषा की सांस्कृतिक व शासकीय उपयोग पर चर्चा की। उन्होंने संविधान के आधार पर राजभाषा हिन्दी के इतिहास और राष्ट्रीय प्रसिद्ध सिमरिया की भूमि में जन्में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के लेख व उनकी विचारधारों के बारे में सभी उपस्थितगण को अवगत कराया।

उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि हिन्दी भाषा में काम करना कोई भावुक प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि ये हमारा मौलिक अधिकार है। अपने शब्दों से उन्होने पूरे सभागार में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर दिया। वहीं आलोक अधिकारी ने अपने संबोधन में हिन्दी भाषा को प्रशासनिक एवं औपचारिक तौर में उपयोग करने के लिए सभी उपस्थित अधिकारियों को प्रोत्साहित किया। वहीं इस अवसर पर परियोजना प्रमुख रमाकांत पंडा ने अपने संबोधन में एनटीपीसी बरौनी में हिन्दी भाषा के संचार एवं प्रसार को निरंतर बढ़ावा देने के लिए सभी अधिकारियों को प्रोत्साहित किया तथा मुख्य अतिथि के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्य के प्रति रुचि हम सबको रखनी चाहिए। राजभाषा अनुभाग द्वारा आयोजित समापन कार्यक्रम में सभी महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष एवं मानव संसाधन के अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

 

बरौनी, बेगूसराय से धर्मवीर कुमार 

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