नगर निकाय चुनाव दिसंबर में होगा या नहीं, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल
डीएनबी भारत डेस्क
बिहार में नगर निकाय चुनाव इस कदर अधर में लटका हुआ है कि मतदाता से लेकर समर्थक और प्रत्याशियों में लगातार ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने एक बार नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना नवंबर में जारी की जिसके विरुद्ध हाई कोर्ट में दाखिल अधिसूचना के बाद हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवहेलना बताया और राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव को स्थगित कर दिया। इसके बाद राज्य सरकार ने डेडीकेटेड कमीशन बनाया और बगैर रिपोर्ट जारी किए निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर से चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी और पूर्व के नामांकन पर ही चुनाव कराने का फैसला लिया गया। इस बार मामला सीधे सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा।
हालांकि मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के बावजूद माना जा रहा था कि चुनाव होगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की तिथि चुनाव की तारीखों के बाद अगले वर्ष जनवरी में तय किया था लेकिन बुधवार को सुनील कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के एक और याचिका डाली जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से दरख्वास्त की कि तत्काल सुनवाई की जाए ताकि बिहार के लोगों का कुछ फायदा हो सके। तत्काल सुनवाई के आलोक में सुप्रीम कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव पर सुनवाई की याचिका मंजूर कर ली और सुनवाई कल यानि शुक्रवार होगी।
बिहार में निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले से मामला चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 28 नवंबर को ही बिहार के अति पिछड़ा वर्ग आय़ोग को निकाय चुनाव में आरक्षण तय करने के लिए डेडिकेटेड कमीशन मानने से इंकार कर दिया था, हालांकि इस मामले में 5 दिसंबर को फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी 2023 को करने का आदेश दिया था। अब नगर निकाय चुनाव को लेकर सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई है कि आखिरकार इस बार चुनाव होगा या फिर से अधर में लटक जायेगा।