डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के बछवाड़ा प्रखंड अन्तर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय रुदौली के शिक्षिका रेणुका कुमारी के सेवानिवृत्ती के अवसर पर स्कूल परिसर में विदाई सह सम्मान समारोह का आयोजन समारोह पूर्वक किया गया। समारोह की अध्यक्षता सेवानिवृत्त शिक्षक सह साहित्यकार डॉ शैलेन्द्र शर्मा त्यागी ने किया। मंच संचालन विधासागर ब्रह्चारी ने किया। समारोह को को संबोधित करते हुए डॉ त्यागी ने कहा कि सांस्कृतिक संस्कार के ज्ञानदीप शिक्षक होते हैं। शिक्षक राष्ट्र के प्राण तत्व है एवं समाज के सफल मार्गदर्शन होते हैं।
उन्होंने कहा कि विद्या नामक धन मनुष्य का अधिक सौंदर्य होता है,ये गुप्त से भी गुप्त धन है जिसका कभी कोई चोर चोरी नहीं कर सकता है। समारोह में सेवानिवृत्त विवेकानंद शर्मा ने कहा कि पौराणिक काल से ही गुरु ज्ञान के प्रसार के साथ साथ समाज के विकास का बीड़ा उठा रहे हैं। गुरू अज्ञान रुपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाने वाला सशक्त माध्यम होता है। हमें अपने गुरू का सम्मान करते हुए उनसे ज्ञान सिखना चाहिए और गुरू द्वारा दिये गये ज्ञान के माध्यम से जीवन में आगे बढ़ता है।
जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व जिला सचिव सुधाकर राय ने कहा कि नौनिहाल बच्चों को मां बाप पालन पोषण कर उन्हें हाथ पकड़कर चलना,बोलना सिखाते हैं, लेकिन गुरू उसे ज्ञान की शिक्षा देकर जीवन में चलना सिखाते जो उस बच्चे को जीवन भर साथ रहता है। उन्होने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चो तुम धन के पीछे मत भागो,ज्ञान के पीछे भागों,तुम्हारे पास ज्ञान रहेगा तो धन अपने आप आपके पीछे पीछे खींचा चला आएगा। आज भारत की आवादी एक अरब चालीस करोड़ है। जिसमें मात्र एक अरब ही साक्षर हैं बांकी चालीस करोड़ लोग आज भी निरीक्षर है।जिन्हे ज्ञान की आवश्यकता है।
वही सेवानिवृत्त शिक्षक सच्चिदानंद पाठक ने कहा कि गुरू का स्थान सबसे उपर होता है। आज पुरे विश्व में सबसे अच्छा पेशा है तो वो अध्ययन का पेशा है वो एक शिक्षक का पेशा है,जो शिक्षकों का सम्मान करते हैं वो निश्चित रुप से अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं। एक शिक्षक अपने जीवन में हजारों छात्रों को शिक्षा देने का काम करते हैं लेकिन जो छात्र अपने गुरु के द्वारा दिये गये शिक्षा को ग्रहण कर उसे अपने जीवन में उतारने का काम करता है वो निश्चित रूप से अपनी मुकाम हासिल करता है।
शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष सांकेत कुमार सिंह ने कहा कि हम शिक्षक अपने अपने विद्यालय में अपने कर्तव्य का पालन करते हैं,और बच्चो को शिक्षा देने का काम करते हैं। लेकिन सरकार के द्वारा हम शिक्षकों के साथ दोहरी नीति अपना रही है। एक शिक्षक अपने जीवन की तमाम उम्र बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में गुजार देता है लेकिन जब वह शिक्षक अपने सेवा काल से सेवानिवृत्त होते है तो उन्हें कुछ नहीं दिया जाता है, बल्कि शिक्षक के उस पड़ाव में उन्हें बिना किसी सहायता के छोड़ दिया जाता है। जब उन्हें सहायता की आवश्यकता होती है लेकिन जब कोई भी व्यक्ति एक बार सांसद या विधायक बनते हैं तो उन्हें आजीवन पेंशन दिया जाता है।
समारोह को सेवानिवृत्त शिक्षक देवनीति राय,रामचंद्र राय,समाजसेवी प्रभाकर कुमार राय,अमिय कश्यप,शिक्षक संजीत कुमार मुन्ना,शिक्षिका रानी कुमारी,संध्या कुमारी आदि शिक्षको ने अपनी अपनी बात रखते हुए कहा कि रेणुका कुमारी को विद्यालय परिवार उनके कार्यों को सदैव याद रखेगा। उनकी कुशल कार्यक्षमता व उत्कृष्ट योगदान हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। ये सेवानिवृत्त जरूर हुई हैं, पर सेवा के दायित्वों से नहीं। इनके मार्गदर्शन की हमें हमेशा अपेक्षा रहेगी। समारोह में सेवानिवृत्त शिक्षिका रेणुका कुमारी को प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं ने उन्हें भावभीनी विदाई दी। सभी ने उन्हें पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया गया।
मौके पर शिक्षक सौरव कुमार,मनोरंजन कुमार,कुमारी निरुपमा,अमरेश प्रसाद सिंह,विजय कुमार रवि,नवीन कुमार, कालेश्वर पासवान,कृष्णनंदन साह,पंकज कुमार मृश्र,संजू कुमार,राकेश कुमार महतो,रमेश सहनी,जयंती झा,दीपक कुमार,नवनीत रंजन बौआ समेत सैकड़ो की संख्या में शिक्षक और छात्र मौजूद थे।
बेगूसराय बछवाड़ा से सुजीत कुमार की रिपोर्ट