बछवाड़ा के प्रसिद्ध झमटिया धाम गंगा घाट पर गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओ ने लगाईं आस्था की डुबकी

मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था।

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिले के बछवाड़ा प्रखंड का प्रसिद्ध झमटिया धाम गंगा घाट पर आषाढ़ पूर्णिमा को लेकर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ पड़ी। हिंदू धर्म का सबसे खास दिन आषाढ़ पूर्णिमा है। इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन शिष्य अपने गुरुओं को सम्मान देते हैं गुरु की पूजा करते हैं।

पूर्णिमा को लेकर श्रद्धालुओ ने सोमवार की अहले सुबह से ही गंगा स्नान शुरू कर दिया जो दिन भर चलता रहा। रविवार की शाम से ही श्रद्धालु रेल व सड़क मार्ग से झमटिया घाट पहुंचने लगे थे।बछवाड़ा जंक्शन पर मिथलांचल इलाके से जितनी भी ट्रेन रुकी श्रद्धालुओ की काफी भीड़ देखी गयी। गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालु झमटिया धाम स्थित गंगा नदी में श्रद्धा पूर्वक गंगा स्नान के उपरांत गंगा तट स्थित मंदिर में पूजा अर्चना किया ।

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गंगा स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं के द्वारा  मिथिलांचल का पारंपरिक लोकगीतों से समूचा झमटिया गंगा धाम मंदिर परिसर गुंजायमान हो रहा था। वहीं श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान व झमटिया धाम स्थित मंदिर में पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालु गंगा जल लेकर अपने अपने घर के लिए प्रस्थान हो रहे थे। सड़क मार्ग से गंगा स्नान व मुंडन संस्कार को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के भीड़ व वाहनों से एनएच 28 के दोनों किनारे वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी, जिस वजह से सड़क पूरी तरह जाम हो गया था।

गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ से बछवाड़ा रेलवे स्टेशन से लेकर झमटिया धाम गंगा घाट तक जाने वाली सड़कों पर दिन भर लोगो का तांता लगा रहा। वही गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ से एनएच 28 पर जाम जैसा नजारा बना हुआ था। झमटिया गंगा धाम मंदिर के पुजारी बैजनाथ झा ने बताया कि मिथिलांचल के लोगों ने पुरानी मान्यताओं को याद करते हुए झमटिया गंगा तट पर गंगा स्नान व पूजन करने के लिए पहुंचते हैं। पापनाशिनी गंगा का दर्शन व स्नान कर गुरु पूजन करने से मानव जीवन का संपूर्ण पाप का नाश होने के साथ कष्टों का हरण होता है।

साथ ही मानव का कल्याण और शांति होती है। पंडित ने बताया कि झमटिया गंगा धाम स्थित नदी का अपना एक अलग महत्व है। इस गंगा घाट पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की मुरादे मां गंगा पूरी करती है। उन्होंने बताया कि ने बताया की हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। जिन्होंने महाभारत लिखकर हिंदुत्व के इतिहास में अहम भूमिका निभाई थी। ऐसे में उनके भक्तों द्वारा उनको गुरु मानकर उनकी पूजा की जाती है, इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस गंगा स्नान का बहुत ही बड़ा महत्व है ।

गंगा स्नान को लेकर प्रशासन के द्वारा घाट समेत एन एच 28 पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। जगह जगह पुलिस बल की भी तैनाती की गयी थी।

बेगूसराय बछवाड़ा संवादाता राकेश कुमार यादव की रिपोर्ट

 

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