उत्तर पूर्वी बिहार के बाद अब मिथिलांचल के भी प्रथम हार्ट सर्जन बने डॉक्टर धीरज शांडिल्य
पारस अस्पताल दरभंगा में खुला हार्ट सर्जरी विभाग हेड ऑफ़ द डिपार्टमेंट बनाए गए डॉक्टर धीरज शांडिल्य, डॉ धीरज शांडिल्य के नेतृत्व में दरभंगा में खुला मिथिलांचल का प्रथम हार्ट सर्जरी विभाग*
पारस अस्पताल दरभंगा में खुला हार्ट सर्जरी विभाग हेड ऑफ़ द डिपार्टमेंट बनाए गए डॉक्टर धीरज शांडिल्य, डॉ धीरज शांडिल्य के नेतृत्व में दरभंगा में खुला मिथिलांचल का प्रथम हार्ट सर्जरी विभाग
डीएनबी भारत डेस्क
हार्ट सर्जरी को बिहार में पटना से बाहर लाने वाले और पटना से बाहर बिहार के सभी जिलों के एकमात्र हार्ट सर्जन डॉक्टर धीरज शांडिल्य ने कोशी क्षेत्र को अब एक बड़ा तोहफा दिया है।
ज्ञातव्य हो कि दरभंगा जैसे मेडिकल हब के रूप में विकसित जिला जहां प्रसिद्ध दरभंगा मेडिकल कॉलेज भी है पर दरभंगा या मिथिलांचल के पास एक भी हार्ट सर्जन नहीं था इस कमी को पूरा किया है बेगूसराय के डॉक्टर धीरज शांडिल्य ने जिन्होंने पारस अस्पताल दरभंगा में आज यह विभाग शुरू किया है और हेड ऑफ़ द डिपार्टमेंट के रूप में हफ्ते में एक दिन वहां सर्जरी करेंगे।
अभी हाल में ही डॉक्टर शांडिल्य ने बेगूसराय के ऐलेक्सिया अस्पताल में हार्ट खून नली और लेजर की कई सर्जरी की थी जो उत्तर बिहार में पहली बार हुई है। बिहार में सिर्फ गिने चुने 10-15 हार्ट सर्जन ही हैं वो भी सभी पटना में ऐसे में पटना और बेगूसराय के अलावा बिहार के बचे सभी जिलों में कोई भी हार्ट , खून के नस और फेफड़ा के सर्जन नहीं हैं।
ऐसे में यह सर्जरी बेगूसराय के ऐलेक्सिया और दरभंगा के पारस में शुरू होने से बड़े पैमाने पर लोगों को लाभ मिलेगा ।डॉक्टर धीरज ने बताया की मेरा लक्ष्य बिहार और बिहार से सटे नेपाल के बॉर्डर इलाके में गरीबों के लिए हार्ट फेफड़ा और खून नली के सर्जरी को शुरु और स्थापित कराना है, यह सिर्फ एक जिला में रहकर संभव नहीं है ।
मैं इसे पटना के बाहर पांच से छह जिला में स्थापित करने के प्रयास में हूं ताकि बिहार में हार्ट सर्जरी व्यापक तौर पर एक आकार ले सके। इसी कड़ी में बेगूसराय के बाद दूसरा पड़ाव दरभंगा बना है। एमएसएम ट्रस्ट द्वारा संचालित शांडिल्य हृदय सुरक्षा अभियान, हार्ट फॉर ऑल के तहत कई जिलों में गरीबों के लिए मुफ्त या सस्ते दर पर हार्ट सर्जरी के शुरुआत हो इसी सोच के तहत मिथिलांचल की यह शुरुआत है .मेरी हमेशा से प्राथमिकता गरीबों की थी और रहेगी ।