दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का समापन,पचास किसानों ने लिया भाग

 

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर में प्राकृतिक खेती विषय पर आधारित दो दिवसीय प्रशिक्षण शुक्रवार को सम्पन्न हो गया। समापन के मौके पर केंद्र के पशुपालन एवं डेयरी विशेषज्ञ वैज्ञानिक डॉ. विपिन ने प्रशिक्षणार्थी किसनो के बीच प्रमाणपत्र का वितरण किया। कार्यक्रम का जानकारी देते हुए विशेषज्ञ ने बताया कि प्राकृतिक खेती समय की मांग है।

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प्राकृतिक खेती में कुछ भी कृत्रिम नही होता। इस खेती में रायनिक खाद का प्रयोग नही होता। बीज से लेकर उसके उपचार, उर्वरक, कीट नाशक सब का सब प्राकृतिक होता है। जिसे किसान खुद ही तैयार करते हैं। खुद के द्वारा तैयार किए गए बीज उर्वरक से खेती का लागत खर्चा कम पड़ता है। उत्पाद गुमवत्तापूर्ण होता है। यह अनाज स्वास्थ्य के लिए लाभकर होता है।

बाजार में प्राकृतिक फसलो का कीमत ज्यादा मिलता है। प्राकृतिक खेती से प्रदूषण नही फैलता है। आज के दौड़ में प्राकृतिक खेती समय की मांग है। डॉ. विपिन ने बताया कि प्रशिक्षण में चेरिया बरियारपुर और वीरपुर प्रखंड के चयनित 50 किसनो ने भाग लिया। प्रशिक्षण के प्रथम दिन सैद्धान्तिक एवं प्रक्षेत्र पर ले जाकर व्यवहारिक ट्रेनिंग दिया गया।

बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट

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