देवाधिदेव महादेव शिव का कार्यक्रम सर्वदा सफ़ल ही रहता है – अभिनव आनन्द
शिव गुरु शिष्य परिवार व शिव शिष्य विचार धारा के प्रनेता हैं साहब हरेंद्रानन्द
देवाधिदेव महादेव शिव का कार्यक्रम सर्वदा सफ़ल ही रहता है- अभिनव आनन्द
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय, बीहट: देवाधिदेव महादेव शिव का कार्यक्रम सर्वदा सफ़ल ही रहता है। शिव गुरु शिष्य व परिवार के शिव शिष्य विचार धारा के प्रनेता हैं साहब हरेंद्रानन्द। उक्त बातें शुक्रवार को जीरोमाइल स्थित होटल युवराज डिलक्स के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए शिव गुरु शिष्य परिवार के सचिव व साहब हरेंद्रानन्द के द्वितीय पुत्र अभिनव आनन्द उर्फ मोनू भैया ने कहा। अभिनव आनन्द ने गुरुवार को हुए जीरोमाइल स्थित बरौनी उर्वरक नगर मैदान में आयोजित विराट शिव गुरु महोत्सव के भव्यता और सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि स्थानीय कार्यकर्ता, शिव गुरु शिष्य परिवार के राष्ट्रीय कमिटी सदस्य का अभिन्न सहयोग से इस विराट महोत्सव को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराया गया है। यह कार्यक्रम पूर्व से निर्धारित किया गया था। उन्होंने कहा कि हमलोग मंच से कोई प्रवचन नहीं देते हैं। केवल शिव गुरु शिष्य परिवार के प्रनेता साहब हरेंद्रानन्द के बताए हुए तीन सूत्रों तथा देवाधिदेव महादेव शिव के गुण,रूप लीला और धाम के बारे में बताते हैं ।
आदि गुरू शिव अनादि काल से ही जगत के गुरु हैं और अनन्त काल तक वही इस जगत के जगत गुरु रहेंगें। एक सवाल पर उन्होंने की कोई भी मानव शिव को अपना गुरु बना सकता है। इसमें कोई संदेह और भेद नहीं है। शिव का शिष्य होने के लिए किसी पारंपारिक औपचारिकता अथवा दीक्षा कि आवश्यकता नहीं है। केवल यह विचार कि शिव मेरे गुरु हैं। शिव कि शिष्यता कि स्वमेव शुरुआत कर्ता है। इसी विचार का स्थाई होना हमको आपको शिव का शिष्य बनाता है। शिव को अपना गुरु मनाने कि बात का प्रारंभ 1982 के उतरार्ध से बिहार के मधेपुरा ज़िले के उप समाहर्ता के रूप में पदस्थापित थे। वर्ष 1990 से शिव का शिष्य बनने और बनाने कि चर्चा धीरे धीरे कमरे से बाहर प्रारंभ हुई जो आज देश विदेश में व्यापक होती चली जा रही है। शिव को अपना गुरु बनाने के लिए साहब श्री हरिंद्रानंद जी द्वारा तीन सूत्र बताए गए हैं। पहला सूत्र हे शिव आप मेरे गुरु हैं, मुझ पर दया करिए। यह मुक संवाद अपने गुरु शिव को सम्प्रेषित किया जाय। दुसरा सूत्र दूसरों से शिव गुरु हैं, इसकी चर्चा करनी है और उन्हें शिव को गुरु मनाने हेतु प्रेरित करना है।तीसरा सूत्र अपने गुरु शिव को अपना प्रणाम निवेदित करना है। मौके पर राजू भाई, अजय कुमार गरीब, सुबोध मिश्र, राजीव कुमार, अशोक कुमार, लालबाबू पासवान, संजय चौधरी, अवधेश पंडित सहित अन्य मौजूद थे।
बेगूसराय से धर्मवीर कुमार