तेघड़ा स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग तेज

 

डीएनबी भारत डेस्क 

बेगूसराय जिला अंतर्गत तेघड़ा रेलवे स्टेशन केन्द्र सरकार एवं रेल विभाग के उच्चाधिकारियों की उपेक्षा का शिकार है और यह स्टेशन हॉल्टनुमा स्टेशन बनकर रह गया है। तेघड़ा अनुमण्डल मुख्यालय है। यहाँ राज्य स्तर पर अनाज मंडी होने के साथ साथ सिविल कोर्ट, वाणिज्य कर उपायुक्त कार्यालय, निबंधन कार्यालय, बड़े बड़े शिक्षण संस्थान आदि मौजूद हैं जिसके कारण यहाँ दूर दूर क्षेत्रों से हजारों लोगों का प्रतिदिन आना जाना होता है। इतना महत्वपूर्ण स्टेशन होते हुये भी तेघड़ा स्टेशन सुविधाविहीन और बदहाल है।

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स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का घोर आभाव है वहीं किसी महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव इस स्टेशन पर नहीं है। पूर्व से मिथिला और टाटा छपरा एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव था जिसे भी बंद कर दिया गया है। यूं कहें तो केन्द्र सरकार और रेल विभाग दोनों तेघड़ा स्टेशन के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। तेघड़ा के विकास के लिये गठित संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक सह अधिवक्ता शशिभूषण भारद्वाज ने कहा कि विगत दिनों रेलवे के डीआरएम सहित राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा को मिथिला एवं टाटा छपरा एक्सप्रेस ट्रेन की ठहराव सहित अन्य 14 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था किन्तु अब तक उन माँगों के आलोक में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है जबकि अगल बगल के स्टेशनों पर विकास कार्य किये जा रहे हैं।

भारद्वाज ने रेल विभाग से कम से कम मिथिला एवं टाटा छपरा एक्सप्रेस ट्रेन का तुरत ठहराव देने की माँग की है। पूर्व वार्ड पार्षद शालिनी देवी, पूर्व मुखिया अशोक सिंह, राजद के जिलाध्यक्ष मोहित यादव, भाकपा नेता दिनेश सिंह आदि ने तेघड़ा स्टेशन से संबंधित सभी माँगों को अविलंब पूरा करने की माँग की है।

तेघड़ा, बेगूसराय से शशिभूषण भारद्वाज 

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