डीएवी एनएच-28 बरौनी में तीन दिवसीय आवासीय कार्यशाला का समापन पर भव्य समारोह का हुआ आयोजन
डीएनबी भारत डेस्क
डीएवी पब्लिक स्कूल एनएच-28 बरौनी में रविवार को तीन दिवसीय आवासीय कार्यशाला का समापन किया गया। कार्यशाला में डीएवी भागलपुर जोन–आई के लगभग 8 डीएवी विद्यालय एवं भागलपुर के 7 डीएवी विद्यालय के लगभग 156 शिक्षक-शिक्षिकाएं विज्ञान , आइसीटी व वाणिज्य विषयों का दिल्ली से प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण हासिल किया।
प्रशिक्षण देने वालों मास्टर ट्रेनरों में विज्ञान प्राथमिक स्तर के–निशि भारती, भारती प्रसाद, अंजू झा व विज्ञान माध्यमिक स्तर के सोनी कुमारी, शर्मिस्था मुखर्जी, रीना कुमारी, नीरज कुमार , विज्ञान सेकेंडरी स्तर के विधि कुमारी , निवेदिता , सत्या झा , मनोज कुमार मिश्रा, विज्ञान उच्चत्तर माध्यमिक स्तर के भौतिकी विज्ञान – बीके मिश्रा रासायनिक विज्ञान – के राजू , सज्जन कुमार झा, जीव विज्ञान–अमित कुमार , कन्हैया जी ठाकुर , वाणिज्य के मास्टर ट्रेनर–सत्यजित मैत्रा, जीबी सिंह, सुदर्शन झा, सुशांत सिन्हा, आशुतोष कुमार, आइसीटी विषय के मास्टर ट्रेनर – प्रशांत रंजन , शुभाशीष दत्ता , ब्रजेश कुमार सिंह , स्नेहा भारती, संदीप प्रकाश सहनी, स्नेही भारती, सुमन्त कुमार शर्मा, मुकेश कुमार , नीरेंद्र प्रकाश सिंह थे।सभी मास्टर ट्रेनर अपने–अपने विषयों में विशेषज्ञता हासिल कर सभी कार्यशाला में आये विषय वार शिक्षकों को नई शिक्षा नीति -2020 के तहत हो रहे बदलाव को कक्षा कक्ष में बच्चों के लिए रूचि पूर्ण बनाने के गुर को बताया ।
इस कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर के द्वारा अनेक प्रकार के क्रिया कलाप शिक्षको से कराया गया और उनसे आग्रह किया गया कि इसे कक्षा कक्ष में छात्रों के समक्ष प्रस्तुत करें , जिससे बच्चे क्रियाकलाप के द्वारा सीखेंगे और ऐसे विधि से पढाई हुए चीजे जीवन काल तक नहीं भूल पायेंगे। विज्ञान के मास्टर ट्रेनर ने विभिन्न प्रयोगशाला में अनेक प्रकार के प्रयोगशाला का उपयोग कर शिक्षकों को प्रयोगशाला विधि से सेकेंडरी एवं सीनियर सेकेंडरी में पढाई करने का निर्देश दिया। प्रत्येक वर्ष दो सत्र में डीएवी सीएई द्वारा डीएवी के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का दायित्व इन मास्टर ट्रेनर को प्राचार्य के देखरेख में कराने का उद्देश्य है कि डीएवी के सभी विद्यालयों में आज के दौर के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें।
कार्यशाला में ईपाठचर्या के लिए आईसीटी के मास्टर ट्रेनरों ने इलेक्ट्रॉनिक पाठ –योजना बनाने का गुर सिखाया और बताया गया कि इसमें शिक्षक नवीन ज्ञान को विद्यार्थियों के पूर्वज्ञान के आधार पर प्रस्तुत करता है। इससे जहां एक ओर ज्ञान को सहज में ग्रहण कर लेते हैं वहीं दूसरी ओर शिक्षक अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल हो जाता है ।इसमें शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए उनकी रुचियों , अभिरुचियों ,आवश्यकताएं , क्षमताओं कि दृष्टि रखते हैं जिससे शिक्षण मनोवैज्ञानिक हो जाता है । डीएवी बेगुसराय जोन-डी के सहायक क्षेत्रीय पदाधिकारी कमल किशोर सिन्हा ने कहा कि कार्यशाला का आयोजन तभी सफल माना जायेगा जब डीएवी के प्रत्येक शिक्षक यहां मास्टर ट्रेनर के द्वारा जो गुर सीखें हैं उन्हें कक्षा कक्ष में छात्रों के बीच टीचिंग लर्निंग विधि से सिखाएं ।
जिससे छात्र आसानी से समझ सकें और पढाई को बोझ ना समझे अगर इसमें हम सफल हो गए तो समझें कि कार्यशाला में जितने मेहनत कि गई है वह सफल हो गया। कार्यशाला के समापन समारोह को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्राचार्य सुमंत घोष ने कहा कि विकास का मूल मंत्र शिक्षा है ।शिक्षा लोगों को उच्च स्तर पर विकसित करने का कार्य करती और मानव अधिकारों , सामाजिक अधिकारों, देश के प्रति कर्तव्यों और दायित्वों को समझने में हमारी सहायता करता है | उन्होंने शिक्षको से आग्रह किया कि आप जो कौशल दिल्ली से प्रशिक्षण प्राप्त मास्टर ट्रेनर से लेकर जा रहे हैं उसे हु बहु वर्ग में छात्रों के बीच फैलाएं यही उपलब्धि इस कार्यशाला का माना जायेगा ।अंत में सभी मास्टर ट्रेनरों सहित सभी आगत शिक्षको का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यशाला का प्रमाण पत्र समर्पित किया।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट