किसानों के लागत मूल्य से काफी कम दाम पर आलू खरीद रहे हैं व्यवसायी, किसानों कि सूधि लेने वाला कोई नहीं।
डीएनबी भारत डेस्क
किसानों का उत्थान आखिर कैसे होगा जब किसानों की पैदावार की गई तैयार फसल का वाजिब मूल्य ही उन्हें नहीं दिया जाएगा। कुछ यही हाल है वर्तमान में बिहार के कोल्ड स्टोरेज मालिक, आलू व्यवसायी एवं किसानों के बीच का। बेगूसराय जिला में किसानों की हालत बद से बदतर है जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। हालात यह है कि उनकी मेहनत का वाजिब मेहनताना भी नहीं मिल पा रहा है।
बेगूसराय के किसानों ने बताया कि आलू की खेती में किसानों की कुल लागत प्रति क्विंटल 800-1000 रूपया है। जिसमें खेतों में जोताई, बीज बुआई, खाद, पानी पटवन एवं आलू कोराई शामिल है। जबकि वर्तमान समय में गुरूवार को तेघड़ा प्रखण्ड के कोल्ड स्टोरेज में 400- 500 के दर से किसानों के आलू को व्यवसायी ले रहे हैं। बेगूसराय में मंहगी लागत के बाद तैयार हुई आलू की फसल का उचित दाम नहीं मिलने से किसान काफी चिंतित है। उचित दाम नहीं मिलने के कारण आलू रखे रखे सरने को कगार पर है और इससे काफी किसानों में मायूसी देखी जा रही है।
यहां तक की अब किसानों के सामने कोल्ड स्टोर में भंडारण को लेकर भी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। बेगूसराय के वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के सीमा से सटे जोकिया पंचायत के दर्जनों किसानों ने बताया कि आलू खेती की है। महंगे दामों पर खाद बीज लगाने के बावजूद भी आलू की फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान मायूस हैं। किसान औने पौने दाम पर आलू बेचने को विवश हैं। लेकिन इसके बावजूद भी आलू नहीं बिक रहा है। जिसके कारण आलू बर्बाद हो रहा है।
आलू बर्बाद होने से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। किसानों का कहना है कि सरकार इस पर ध्यान दें ताकि किसानों को जो लागत हुई है। वह लागत मिल सके। किसान अशोक कुमार ने बताया की किसान त्राहिमाम में हैं। आलू की खेती का लागत का मूल्य का आधा दाम भी नहीं मिल पा रहा है। यदि यही स्थिति बनी रही तो अगले साल से किसान आलू की खेती छोड़ने को विवश होंगे।
किसान विकेश कुमार राय ने बताया कि 3 एकड़ में आलू की फसल लगाई थी।आलू का उचित दाम नहीं मिल रहा है आलू सड़ रहा है। सरकार को चाहिए कि उचित मूल्य तय कर आलू की खरीदारी करें। किसान चंद्रदेव प्रसाद ने बताया कि सरकारी रेट में खरीदारी हो और उचित मूल्य किसानों को मिले यही मेरी मांग है। किसानों ने बताया की आलू सड़ रहे हैं। कोई देखने वाला नहीं है। सरकार को चाहिए कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लें और उचित रेट तय कर किसानों के आलू की खरीदारी करें।
किसानों ने यह भी कहा कि आलू का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान हताश और निराश हैं। कड़ी मेहनत के बाद आलू की इस बार बेहतर फसल हुई है। लेकिन उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान औने पौने दाम पर आलू बेचने को विवश है। जिससे किसानों को घाटा का सामना करना पड़ रहा है। यदि यही स्थिति बनी रही तो हम लोग किसानों के हित में उनकी मांगों को लेकर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
बेगूसराय संवाददाता सुमित कुमार बबलू