पूर्व मुख्यमंत्री बी पी मंडल की जयंती पर सीएम ने दी श्रद्धांजलि, पत्रकारों से बात करते हुए कहा…

पूर्व मुख्यमंत्री स्व बीपी मंडल जी की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई

डीएनबी भारत डेस्क

पूर्व मुख्यमंत्री स्व बी पी मंडल जी की जयंती के अवसर पर उनके आदमकद प्रतिमा पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। पटना के देशरत्न मार्ग एवं सर्कुलर पथ चौराहा स्थित आदमकद प्रतिमा के समीप जयंती के मौके पर राजकीय समारोह का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर, जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, विधि मंत्री शमीम अहमद, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सादा, विधायक सतीश कुमार, विधान पार्षद कुमुद वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री स्व बी पी मंडल जी की सुपुत्री वीणा मंडल, पूर्व मुख्यमंत्री स्व बी पी मंडल जी के पौत्र डॉ मनीष मंडल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, आयुक्त पटना प्रमंडल कुमार रवि, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविंद कुमार सिंह, बिहार राज्य खाद्य आयोग के पूर्व सदस्य नंदकिशोर कुशवाहा, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य शिवशंकर निषाद सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी पूर्व मुख्यमंत्री स्व बी पी मंडल जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती पूजन, भजन-कीर्तन एवं बिहार गीत का गायन किया गया।

कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। जातीय आधारित गणना से संबंधित पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना का काम बिहार में पूरा हो चुका है। इसमें लगे हुए लोगों को जितना काम करना था उनलोगों ने कर लिया है। सभी पार्टियों की मीटिंग के बाद ही हमने यह कार्यक्रम तय किया था। यह कोई निजी कार्यक्रम नहीं था। इसमें सभी जातियों की गणना के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति का भी पता चल जाएगा, चाहे वे किसी भी जाति के हों, अपर कास्ट के हों, पिछडे हों, अति पिछड़े हों या अनुसूचित जाति-जनजाति के हों। सभी जातियों की आर्थिक स्थिति का जायजा लेना जरूरी है ये हमलोगों ने तय कर दिया है। किस जाति में कितनी उपजातियां हैं, उनकी आबादी कितनी है और उनकी आर्थिक स्थिति क्या है, जाति आधारित गणना से ये सारा कुछ पता चल जाएगा। पहले कोई गांव में रहता था लेकिन अब अगर वो दूसरी जगह चला गया है तो उसकी वास्तविक स्थिति क्या है, सर्वे करनेवाले को ये सब अध्ययन करके रिपोर्ट देनी है। इसी से सभी जातियों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा।

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विपक्ष द्वारा जाति आधारित गणना का आंकड़ा सर्वाजनिक करने की मांग से संबंधित पत्रकारों द्वारा पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वे का काम पूरा हो चुका है, अब उसके आगे एक-एक चीज को देखा जा रहा है। आंकड़ा तैयार किया जा रहा है। जब सबकुछ तैयार हो जाएगा तो फिर रिपोर्ट घोषित की जाएगी, इसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है। हाईकोर्ट के ऑर्डर के बाद ही जाति आधारित गणना का सारा काम हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी सर्वे के काम को रोका नहीं है। इस सर्वे में मुख्य बात है कि सबकी आर्थिक स्थिति का भी पता चल जाएगा। केवल जातियों की संख्या घोषित करने के लिए ये सर्वे नहीं करवाया जा रहा है। सारी चीजें बहुत अच्छे ढंग से हो रही है। वर्ष 2021 में ही सभी पार्टियों की सहमति से हमलोगों ने जाति आधारित गणना का कार्यक्रम तय किया था। सबकुछ तय होने के बाद वर्ष 2022 में सर्वे का काम शुरू हो गया था। इसपर किसी को क्या ऑब्जेक्शन हो सकता है। सबकी सहमति से जो तय हुआ है वही काम करवाया जा रहा है। सर्वे में जो लोग लगे हुए हैं वे काफी मेहनत से सारा काम कर रहे हैं। इसके लिए सरकार द्वारा जो गाइडलाइन दी गई है उसी के अनुसार सारा कुछ हो रहा है। देश में हर 10 साल पर जनगणना का काम होता था। केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2011 में जाति आधारित जनगणना भी करायी गयी थी लेकिन फिर क्या हुआ, केंद्र सरकार द्वारा कुछ नहीं किया जा रहा है। आज वर्ष 2021 के बाद कितने साल बीत गए लेकिन जनगणना का कार्य नहीं हुआ है। कुछ लोग देश का इतिहास बदलने में लगे हुए हैं जो जरूरी काम है वो नहीं हो रहा। किसकी कितनी आबादी है और किसको कितना लाभ दिया जाएगा, ये सब जरूरी है जो नहीं किया जा रहा है। जब बिहार में जाति आधारित गणना का काम हो जाएगा तो अन्य राज्य के लोग भी इसको देखेंगे। कई राज्य अपने स्तर से जाति आधारित गणना को कराना चाहते हैं। बिहार इसका एक मॉडल बनेगा। ये काम सबके हित में होगा।

विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने और मुंबई जाने के पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले तो हमने पटना से ही इस काम की शुरुआत की थी। विपक्षी पार्टियों की पहली बैठक यहीं पर हुई, दूसरी बैठक बेंगलुरू में हुई और अब तीसरी बैठक मुंबई में होने जा रही है। इसमें हमलोग इसी महीने 31 तारीख को भाग लेने मुंबई जाएंगे। एक सितंबर को वहां पर विपक्षी पार्टियों की मीटिंग होगी।

राजद सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के अलग-अलग राज्यों के लिये अलग-अलग संयोजक बनाने को लेकर दिये गये बयान को लेकर पत्रकारों द्वारा किये गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया में इस तरह के सवालों का जवाब देना ठीक नहीं है। मीटिंग में सबलोगों की जो राय होगी वो आपलोगों को बता दी जाएगी। पहले भी हमने ही आपलोगों को सब बात बताई है। हम चाहते हैं कि सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हों। आगे भी इस काम को तेजी से करने के लिए हम सभी पार्टियों को कहेंगे। सबलोगों की जो राय होगी उसी पर काम किया जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की जमानत रद करने को लेकर सीबीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको जानबूझकर तंग किया जा रहा है। सीबीआई किसी को नहीं छोड़ रही है, सबको तंग किया जा रहा है। शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की बहुत अच्छे ढंग से बहाली हो रही है। हम तो 15 अगस्त को भी घोषणा किए हैं। हम सबके हित में काम कर रहे हैं। बच्चे-बच्चियों की पढ़ाई ठीक ढंग से हो इसके लिए भी हमलोग काम कर रहे हैं। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। हमलोग पढ़ाई के पक्ष में हैं। राज्य सरकार सारे काम के लिए मदद करती है। राजभवन से टकराव के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं कोई दिक्कत नहीं है। सबकुछ अच्छे ढंग से हो रहा है। हमलोग मिल-जुलकर सारा काम कर रहे हैं।

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