शहीद दिवस के अवसर पर सात शहीद स्मारक पर कार्यक्रम आयोजित, सीएम नीतीश समेत…

शहीद दिवस पर अमर स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई

 

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डीएनबी भारत डेस्क 

शहीद दिवस के अवसर पर 11 अगस्त 1942 को आजादी के मतवाले सात अमर शहीद यथा उमाकांत प्रसाद सिंह, रामानन्द सिंह, सतीश प्रसाद झा, जगतपति कुमार, देवी प्रसाद चौधरी, राजेन्द्र सिंह, राम गोविन्द सिंह की दी गई कुर्बानियों को याद किया गया और उन्हें शत्-शत् नमन करते हुये श्रद्धांजलि अर्पित की गई। अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए राजकीय समारोह का आयोजन शहीद स्मारक परिसर में किया गया। राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, विधि मंत्री शमीम अहमद, श्रम संसाधन मंत्री सुरेन्द्र राम, विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, विधायक शकील अहमद खां, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गॉधीजी, पूर्व मंत्री श्याम रजक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविंद कुमार, राज्य खाद्य आयोग के पूर्व सदस्य नंद किशोर कुशवाहा, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य शिवशंकर निषाद सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने सचिवालय प्रांगण स्थित शहीद पार्क में जाकर अमर ज्योति के समक्ष पुष्प चक्र अर्पित किया एवं स्वतंत्रता संग्राम के तमाम अमर शहीदों को नमन करते हुये अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा बिहार गीत एवं देश भक्ति गीतों का गायन प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। केंद्र सरकार को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री कहा कि केंद्र सरकार का मीडिया पर कब्जा है। सब जगह घटनाएं घट रही हैं लेकिन उनका कोई बयान नहीं आता है। वे लोग अपने ढंग से जो अच्छा लगता है उसको बोलते हैं। उनको काम करना चाहिए लेकिन काम नहीं हो रहा है। हाऊस चलता है फिर भी वे लोग चुप रहते हैं। पहले ऐसा नहीं होता था जब हमलोग हाऊस में रहते थे, जब श्रद्धेय अटल जी की सरकार थी तो हर बात का जवाब दिया जाता था। अब केवल एकतरफा बातें छपती हैं। इधर के लोग जो बोलते हैं उनकी बातों को नहीं छापा जाता है, वे जो बोलते हैं केवल उसको ही छापा जाता है। अब उसे देखने की क्या जरूरत है, ऐसे भी हम टीवी देखना बहुत कम कर दिए हैं। अपनी बात रखने का विपक्ष को अधिकार है। अब हमलोगों की तरफ बहुत पार्टियां आ गई हैं और एकजुट हो गई हैं। पटना से ही विपक्षी एकता की शुरुआत हुई है। हमलोग सभी पार्टियां मिलजुलकर तय करेंगे कि किस तरह से आगे देश का विकास करना है। जब हमलोग एकजुट हो रहे हैं तो उनलोगों को परेशानी हो रही है।

वर्ष 2024 में भाजपा बिहार से खत्म हो जाएगी पत्रकारों के इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हां, बिल्कुल इसीलिए वे लोग घबराहट में हैं। हमलोगों की एकजुटता का नतीजा अच्छा निकलेगा। वे लोग केवल प्रचार-प्रसार करते हैं, अब विकास का कोई काम नहीं हो रहा है। बिहार में जो भी काम हुआ सब हमलोगों ने किया है। हमलोगों ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग की लेकिन क्या हुआ? अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता तो हमलोग कितना आगे पहुंच जाते। वे लोग बिहार को भूल जाते हैं। यह सबसे पौराणिक स्थल है। इसके इतिहास को उठाकर देख लीजिए। जदयू के बारे में कुछ लोग बयान देते हैं कि वो तीसरे नंबर पर है लेकिन वर्ष 2005 में जब हमलोग चुनाव जीते तो हमलोग कितने नंबर पर थे, कितना वोट आया था हमलोगों को और भाजपा वालों को कितना वोट आया, देख लीजिए। वर्ष 2010 में क्या हुआ हमलोगों को 118 सीटें आईं और उनलोगों को कितनी सीटें आईं, हमसे कम सीटें आईं। इस बार के चुनाव में हमलोगों को हराने का काम किया गया। एजेंट के तौर पर अन्य लोगों को खड़ा कर हमलोगों को हराया गया। जनता सब जानती है। वर्ष 2020 के चुनाव के बाद हम मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे और हमने इसके लिए मना कर दिया था लेकिन वे लोग बोलने लगे तो हम उनलोगों की बात मान लिए।

वर्ष 2009 में हमलोग लोकसभा का चुनाव साथ लड़े थे। हमलोग 25 सीट पर लड़े तो उसमें 20 पर जीते और भाजपावाले 15 पर लड़े तो 12 जीते, ये सब बातें वो लोग भूल रहे हैं। हर चीज वे लोग भूल रहे हैं। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी हमको मानते थे। हम हमेशा उनका सम्मान करते रहेंगे, इनलोगों को जो मन में आए बोलते रहें। हमलोग काम करना जानते हैं और इनलोगों को सिर्फ बोलना है। वे लोग जो घोषणा किए थे उसमें एक भी पूरा नहीं किए। हम देश के हित में काम करते हैं और राज्य के हित में यहां काम करते हैं। सबलोगों को एकजुट होना चाहिए, यह देश के हित में है। कोई इतिहास न बदले। आजादी की लड़ाई को न भुला दें इसीलिए हमलोग सबको एकजुट करने का काम कर रहे हैं। जब चुनाव की सरगर्मी शुरू होगी तो और पार्टियां भी हमलोगों के साथ आ जाएंगी।

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