तेघड़ा में छह दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा सह शतचंडी महायज्ञ के पहले दिन कथावाचन से भक्तिमय हुआ बजलपुरा गाँव

आचार्य श्री विजय कृष्ण जी महराज के कथावाचन ने श्रद्धालुओं को भक्तिरस में सराबोर कर दिया।

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिले के तेघड़ा प्रखंड के बजलपुरा भगवतीस्थान मंदिर प्रांगण में चल रहे छह दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा सह शतचण्डी महायज्ञ के पहले दिन श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस मौके पर  आचार्य श्री विजय कृष्ण जी महराज के कथावाचन ने श्रद्धालुओं को भक्तिरस में सराबोर कर दिया। कथावाचन करते हुये पर श्री महाराज ने कहा कि बिनु परतीती होई नहीं प्रीति अर्थात माहात्म्य ज्ञान के बिना प्रेम चिरंजीव नहीं होता, अस्थायी हो जाता है।

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उन्होंने कहा कि भगवान की लीला अपरंपार है। वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। श्रीमदभागवत कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है। इस दौरान संध्या में बनारस के पंडितों के द्वारा महा आरती का आयोजन आकर्षण का केंद्र बना रहा। गायक धीरज कांत ने भजन प्रस्तुत किया।

मौके पर सदन सिंह, उदय सिंह, मुकेश सिंह, अरूण सिंह, सुनील सिंह, निलेश कुमार, विकास वागीश, रौशन कुमार, रामशंकर कुमार, गरीब नाथ सिंह, विरेंद्र सिंह, मंजेश कुमार, ओम कुमार फंटुश, अजय सिंह, शिवम कुमार, मंगल मिश्र, वेदानंद मिश्र, मनोज मिश्र, शालीन देवी, नीलेश कुमार, बंशीधर कुमार, सोनू कुमार, कन्हैया कुमार, विशाल कुमार, दिवाकर कुमार, कन्हैया कुमार, अवनीश कुमार, मुरलीधर, निशांत कुमार भारद्वाज, हिमांशु कुमार, प्रत्युष सहित अन्य मौजूद थे।

बेगूसराय तेघड़ा संवाददाता शशिभूषण भारद्वाज की रिपोर्ट

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