बेगूसराय में सार्वजनिक कुंआ पर पुजा पाठ के लिए पहुंचे महिला पुरूष के साथ दबंगों ने की मारपीट, कई घायल
बेगूसराय जिला के मुफस्सिल थानाक्षेत्र में मामला दर्ज।
बेगूसराय जिला के मुफस्सिल थानाक्षेत्र के साख गांव के तरैया की घटना, मामला दर्ज।
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय के एक गावं मे दबंगों की दबंगई का एक मामला सामने आया है. जहां गांव के एक सार्वजनिक कुंआ पर पानी भरने वाले कुछ लोगो की ना सिर्फ मनाही की जाती है बल्कि इसका पालन नहीं करने पर महिला और पुरुषों की दबंग के द्वारा पिटाई की जाती है। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के साख गांव की इस घटना तब तूल पकड़ने लगा जब दबंगो द्वारा कुएं पर पानी भरने कुछ महिला और पुरुषों की जमकर पिटाई की गई।
जिनका इलाज में बेगूसराय सदर अस्पताल में कराया गया. घटना के विरोध मे दर्जनों महिला और पुरुष ने बेगूसराय एसपी कार्यालय पर प्रदर्शन किया जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ मुफस्सिल थाना में मामला दर्ज हुआ। यह घटना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। खास बात यह है कि कुएं पर जाने से विरोध करने वाले एवं प्रीत पक्ष दोनों ही एससी एसटी समाज से आते हैं लेकिन अलग-अलग जातियों से संबंध रखते हैं।
बताते चले की बेगूसराय के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सांख तरैया गांव में एक अजीबोगरीब का मामला सामने आया है जहां सार्वजनिक कुओं पर दबंगों ने कब्जा जमा रखा है और इस कुएं पर पानी पीने वाले और पूजा पाठ करने वाले लोगों के साथ मारपीट की घटना को अक्सर अंजाम दिया जाता है। इसी कड़ी में पिछले दिनों एक बार फिर से दबंग की दबंगई देखने को मिले जब कुछ लोग पूजा पाठ के सिलसिले में कुएं पर पहुंचे थे तो उनके साथ दबंगो द्वारा मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया।
जिसमें कई महिला और पुरुष घायल हो गये। आरोप है की दबंग हथियार से लैस रहते है और नशे की हालत मे रहते छेड़खानी और मारपीट उनके लिए आम बात है। आरोप है की सभी आरोपी लोगो को कुएं के इस्तेमाल से रोकते है। वहीं विरोध करने वाले लोगो की पिटाई करते रहते है। इस बात से नाराज लोगो ने एसपी ऑफिस पहुंच कर अपना विरोध दर्ज कराया और और एसपी के सामने न्याय की गुहार लगाया।
जिसके बाद एसपी के निर्देश पर कई लोगों के खिलाफ मुफस्सिल थाने में मामला दर्ज कराया गया। इस मामले मे एसपी ने एक महिला के साथ पिटाई की बात बताई है, वहीं उन्होंने कुएं के कारण मारपीट की बात को जाँच का हिस्सा बताया है और इसकी जाँच के बाद ही सब कुछ सामने आएगा।अब इसे जातीय जनगणना का इफेक्ट कहें या कुछ और लेकिन इस तरह के मामले सामने आने के बाद समाज में बढ़ रहे जाति प्रथा एवं सामाजिक विद्वेष सामाजिक परिवेश के लिए ठीक नहीं है। अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस इस मामले में किस तरह की कार्यबाई करती है।