फाइलेरिया रोग इंटीग्रेटेड सिस्टम ऑफ़ मेडिसिन के माध्यम से हो सकता है पूर्णत: ठीक – प्रो टेरेंस रेयान(ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ब्रिटेन)

बेगूसराय के राजकीय अयोध्या शिव कुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय में पूरे भारत का पहला स्पेशलिस्ट केंद्र बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से शुरू किया गया।

बेगूसराय के राजकीय अयोध्या शिव कुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय में पूरे भारत का पहला स्पेशलिस्ट केंद्र बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से शुरू किया गया।

डीएनबी भारत डेस्क 

राजकीय अयोध्या शिव कुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय बेगूसराय में फाइलेरिया विषय पर 11वें राष्ट्रीय सिंपोजियम को संबोधित करते हुए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ब्रिटेन के प्रोफेसर टेरेंस रेयान ने कहा कि फाइलेरिया रोग इंटीग्रेटेड सिस्टम ऑफ़ मेडिसिन के माध्यम से ठीक हो सकता है और वह पूरे विश्व में इसका प्रचार प्रसार करने के लिए निकले हैं।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ब्रिटेन के एमिरेट्स प्रो टेरेंस रेयान ने कहा कि अपने जीवन काल में मैंने महसूस किया की फाइलेरिया मात्र एलोपैथी के भरोसे ठीक नहीं हो सकता है इसलिए उन्होंने भारत में कार्यक्रम चलाने के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से इंस्टीट्यूट आफ अप्लाइड डर्मेटोलॉजी के निदेशक डॉ एसआर नरहरि से बात की और पूरे भारत में पहले केंद्र के रुप में बेगूसराय में एक स्पेशलिस्ट केंद्र का शुरूआत किया।

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उन्होंने इस केंद्र की कार्य सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए भविष्य में इसे और अधिक सहायता देकर विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड सिस्टम ही एक ऐसा माध्यम है जिससे फाइलेरिया रोग ठीक हो सकता है। दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन से आई प्रो गिल टोड ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में भी अफ्रीका के स्थानीय इंडीजेनस सिस्टम ऑफिस मशीन के सहयोग से हमलोग फाइलेरिया रोग को समाप्त करने के लिए काम कर रहे हैं।

इंस्टिट्यूट ऑफ़ अप्लाइड डर्मेटोलॉजी के निर्देशक डा के नरहरि ने कहा कि केरल में हमलोगों ने इंटीग्रेटेड सिस्टम आफ मेडिसिन के माध्यम से फाइलेरिया रोगों के निदान हेतु इसकी चिकित्सा प्रारंभ की और इस रोग के निदान में अभूतपूर्व प्रगति देखने को मिली। इसके आधार पर बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से बेगूसराय में एक केंद्र की स्थापना की गई है। जिसमें फलेरिया रोगियों की संख्या बहुत ज्यादा है। और रोगी के ठीक होने का प्रतिशत भी बहुत संतोषप्रद है।

उन्होंने कहा कि बेगूसराय में इंटीग्रेटेड सिस्टम ऑफ मेडिसिन के माध्यम से चिकित्सा की जा रही है। हमलोग एलोपैथी, आयुर्वेद एवं योग के माध्यम से फाइलेरिया रोगियों की चिकित्सा कर रहे हैं और इसमें हमलोगों को अभूतपुर रिजल्ट मिल रहा है। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन नई दिल्ली की प्रोग्राम ऑफिसर श्यामश्री दास ने कहा कि हम लोगों ने बेगूसराय में जो केंद्र दिया है उसकी सफलता से पूरा प्रबंधन बहुत खुश हैं।

आयुष मंत्रालय भारत सरकार के जॉइंट एडवाइजर ने इंटीग्रेटेड सिस्टम के माध्यम से फाइलेरिया का रोकथाम हेतु चलाए जा रहे हैं केंद्र को देखकर प्रसन्नता व्यक्त किया। राजकीय अयोध्या शिव कुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय शालाक्य तंत्र विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ मुन्ना कुमार ने इस केंद्र के शुरुआत शुरू होने की चर्चा करते हुए कहा कि जब से आयुर्वेद महाविद्यालय में यह केंद्र स्थापित हुआ है तब से यह अपने अभूतपूर्व स्वरूप में कम कर रहा है। उन्होंने सेमिनार में पहुंची टीम को बेगूसराय केंद्र को एक विशेष केंद्र के रूप में पूरे भारत में नामित किया जाने की वकालत की ताकि यहां से प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सक पूरे देश में जाकर के फाइलेरिया रोगों के रोकथाम हेतु कार्य कर सकें।

राजकीय अयोध्या शिव कुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ श्रीनिवास त्रिपाठी ने फलेरिया केंद्र की सफलताओं पर चर्चा करते हुए राज्य आयुष समिति से अपील की कि वह इस केंद्र को विशेष दर्जा देते हुए एक स्थाई अस्पताल के रूप में विकसित करने हेतु राज्य सरकार से बात कर अपनी स्वीकृति दे। राज्य आयु समिति के प्रोग्राम मैनेजर डॉ राजेश कुमार मिश्रा ने कहा कि बेगूसराय केंद्र की सफलता को देखते हुए वह सरकार से वार्ता कर प्रयास करेंगे की बक्सर, दरभंगा एवं भागलपुर के आयुर्वेद कॉलेज में भी एक एक केंद्र की स्थापना की जाए। आयुष समिति के डॉ अरविंद मिश्रा ने भी अपनी भावनाएं राखी। कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं संचालन डॉ जयासीलन मुरूग्यान, प्रो एसआर एम यूनिवर्सिटी गुंटुर आंध्र प्रदेश ने किया।

सिंपोजियम के पूर्व बेगूसराय के जिलाधिकारी रौशन कुशवाहा ने अस्पताल जाकर महाविद्यालय में ब्रिटेन से आए हुए वैज्ञानिकों द्वारा चलाए जा रहे कार्यशाला को देखा एवं रोगियों की चिकित्सा को समझा और रोगियों के इलाज की सफलता पर प्रसन्नता जाहिर की। जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा का स्वागत महाविद्यालय प्राचार्य डॉ श्रीनिवास त्रिपाठी ने किया और महाविद्यालय में आने के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। जिलाधिकारी ने विशेषज्ञ चिकित्सकों से फाइलेरिया रोग के चिकित्सा पद्धति की जानकारी प्राप्त की एवं कई इलाज कर रहे रोगियों से जाकर पूछताछ की जिलाधिकारी ने रोगियों के पांव में आ रहे अभूतपूर्व सुधार को देखकर  प्रसन्नता जाहिर किया।

महाविद्यालय में पूरे दिन फाइलेरिया विभाग में ब्रिटेन एवं साउथ अफ्रीका एवं इंस्टीट्यूट आफ अप्लाइड डर्मेटोलॉजी से आए विद्वानों ने महाविद्यालय के शिक्षकों चिकित्सकों एवं छात्रों को ऑडियो विजुअल के माध्यम से फाइलेरिया रोग के निदान, रोगी की परिचर्या एवं उसकी चिकित्सा के बारे में चर्चा की।
पूरे दिन के इस कार्यक्रम का संयोजन में प्राचार्य डॉ श्रीनिवास त्रिपाठी का आभूतपूर्व सहयोग रहा। मौके पर डॉ लाल कौशल कुमार, डॉ मुन्ना कुमार, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ अनिल कुमार आदि मौजूद थे।

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