बेगूसराय जिला के खोदावंदपुर प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत नुरूल्लाहपुर उपस्वाथ्य केंद्र चिकित्सक की मनमानी से झोपड़ी में है चल रहा।
डीएनबी भारत डेस्क
सरकार एक ओर गांव-गांव में बेहतर स्वास्थ्य सेवा की सुविधा उपलब्ध कराने, स्वास्थ्य केंद्र बनाने तथा उसे संसाधन युक्त करने की बात कह रही है। मगर विडंबना है कि बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र में स्वास्थ्य संरचना का हाल बदहाल है। प्रभारी चिकित्सक के चहेते की झोंपडी मेंं नुरूल्लाहपुर का स्वास्थ्य उपकेन्द्र चलाया जाता है।
प्रखंड में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित एक दर्जन स्वास्थ्य उपकेंद्र व दो अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ केंद्र हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अपनी भूमि व भवन उपलब्ध है। जबकि सभी स्वास्थ उपकेंद्र भूमि व भवनहीन है। सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्र किराये के मकान में चलता है। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नुरूल्लाहपुर व मिर्जापुर भूमि व भवन के अभाव में फाइलों में संचालित है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र के नुरूल्लाहपुर, नारायणपुर, चलकी, तेतराही, सिरसी, मसुराज, मलमल्ला, बाड़ा, मालपुर, फफौत, बरियारपुर पूर्वी तथा बरियारपुर पश्चिमी गांव मेंं कुल 12 स्वास्थ्य उपकेन्द्र संचालित हैं। किसी भी स्वास्थ्य उपकेन्द्र को अपना भवन नहीं है। सभी किराए के भवन में संचालित हैं।
जबकि प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायत में सरकारी भूमि उपलब्ध रहने के बावजूद आज तक स्वास्थ्य केंद्र के लिए भवन बनाया जाना मुनासिब नहीं समझा गया है। भवन के अभाव में किराये के मकान में स्वास्थ्य उपकेंद्र को चलाया जा रहा है। जिससे सरकारी राजस्व का नुकसान भी हो रहा है।
वहीं किराए के मकान में स्वास्थ्य उपकेंद्र के चलने से मरीजों को समुचित चिकित्सीय सुविधा नहीं मिल पा रही है। इस संबंध मेंं प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ दिलीप कुमार ने कहा कि झोंपडी मेंं चलाया जा रहा स्वास्थ्य उपकेन्द्र नियमानुसार संचालित किया गया है। जब उनसे नियम की बात पूछी गई तो वह गोल-मटोल जबाब देकर अपना पल्ला झाड़ लिए।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नीतेश कुमार गौतम