खोदावंदपुर प्रखण्ड से बेरंग लौटे दिव्यांगजन, बीडीओ से लगाई गुहार

शिविर में जिला केंद्र से आई टीम द्वारा दिव्यांगों को भविष्य में कृत्रिम अंग उपलब्ध कराने के लिए उनकी जांच कर सूची संग्रह किया गया, आक्रोशित लोगों ने बीडीओ से लगाई फरियाद।

शिविर में जिला केंद्र से आई टीम द्वारा दिव्यांगों को भविष्य में कृत्रिम अंग उपलब्ध कराने के लिए उनकी जांच कर सूची संग्रह किया गया, आक्रोशित लोगों ने बीडीओ से लगाई फरियाद।

डीएनबी भारत डेस्क 
बिहार सरकार के निर्देश पर गुरुवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत खोदावंदपुर प्रखंड मुख्यालय में दिव्यांग जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में जिला केंद्र से आई टीम द्वारा दिव्यांगों को भविष्य में कृत्रिम अंग उपलब्ध कराने के लिए शिविर में पहुंचे दर्जनों दिव्यांगजनों का दिव्यंगिता जांच कर सूची संग्रह किया गया।

जबकि शिविर में जांच करने पहुंची टीम की अतिव्यस्तता तथा कर्मियों की लापरवाही के कारण दर्जनों दिव्यांगजनों को बिना जांच कराए शिविर से निराशा वापस लौटाना पड़ा। वैसे दिव्यांगजन जिनका शिविर में जांच नहीं किया गया उन लोगों ने अपने स्वजन के साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिलकर अपनी समस्या को रखा। लेकिन बीडीओ के स्तर से भी उनके समस्या का समाधान नहीं हो सका और उन्हें शिविर से बैरंग वापस लौटना पड़ा।

इस बात को लेकर वैसे दिव्यांगजनों में काफी निराशा देखा गया। बताते चलें कि शिविर में आए जांच कर्मियों द्वारा दिव्यांगजनों से उनका दिव्यंगिता प्रमाण पत्र आधार कार्ड और आई प्रमाण पत्र मांगा जाता था। एक भी प्रमाण पत्र अनुपलब्ध होने की स्थिति में उनसे मुखिया अथवा किसी पंचायत प्रतिनिधि के लेटर पैड पर उनके अनुशंसा पत्र का मांग किया जाता था। वैसे जिनका ना तो आज आय प्रमाण पत्र था और ना ही लेटर पैड पर मुखिया या जनप्रतिनिधि की अनुशंसा उपलब्ध थी या एक सादे पन्ने पर मुखिया की अनुशंसा थी उनके हस्ताक्षर और मोहर लगा था। उसको वह स्वीकार नहीं कर रहे थे और उनको जांच किए बगैर वापस लौटा दे रहे थे।

जिसकी शिकायत दिव्यांग जनों ने बीडीओ से किया। बीडीओ नवनीत नमन ने भी शिविर में आए अधिकारियों कर्मियों से दिव्यांग जनों के द्वारा प्रस्तुत मुखिया के हस्ताक्षर और मोहर वाले अनुशंसा पत्र के आधार पर उनका भी जांच करने की बात की तो उन लोगों ने अपने उच्चाधिकारियों से बात करने की बात कही। जब बीडीओ द्वारा उनके उच्चाधिकारियों से बात किया गया। लेकिन उन लोगों ने भी एक ना सुनी। इसके बाद ऐसे तमाम दिव्यांगजनों को सीधे बैरंग वापस लौटना पड़ा।

दिव्यांगजनों ने डीएनबी भारत टीम से अपनी समस्या बताते हुए कहा कि हमलोगों को आज के शिविर के बारे में जानकारी दिया गया था। लेकिन इस बात की कोई जानकारी नहीं दी गई थी कि शिविर में आय प्रमाण पत्र अथवा मुखिया के लेटर पैड वाला अनुशंसा पत्र लाना अनिवार्य होगा। उन लोगों ने बताया कि ऐसा नहीं करना हम दिव्यांगजनों के साथ क्रूर मजाक है। प्रशासन द्वारा आधी अधूरी जानकारी देकर जानबूझकर परेशान किया जाता है। यह शिविर महज एक धोखा है। शिविर में बीएएल आईएमसो राजा बाबू, शुभम कुमार, तकनीशियन चंद्रशेखर के अलावे टीम की सहयोग के लिए विकास मित्र मौजूद थे।

बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नीतेश कुमार गौतम 

 

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