भरत जी को अयोध्या ही नहीं अपितु ब्रह्मा, विष्णु और महेश का भी राज मिलने पर घमंड नहीं होता- भरत व्यास
असुरारी मानस गोष्ठी पिपरा देवस, मालती, हाजीपुर, असुरारी, हवासपूर की वार्षिकोत्सव बरौनी प्रखण्ड के नगर परिषद बीहट वार्ड संख्या -01 मालती स्थित पुण्यात्मा साकेतवासी शशांक जी के पुत्र प्रदुम्न सिंह के आवास पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मानस गोष्ठी के राष्ट्रीय महामंत्री भरत व्यास ने व्यक्त किया।
असुरारी मानस गोष्ठी पिपरा देवस, मालती, हाजीपुर, असुरारी, हवासपूर की वार्षिकोत्सव बरौनी प्रखण्ड के नगर परिषद बीहट वार्ड संख्या -01 मालती स्थित पुण्यात्मा साकेतवासी शशांक जी के पुत्र प्रदुम्न सिंह के आवास पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मानस गोष्ठी के राष्ट्रीय महामंत्री भरत व्यास ने व्यक्त किया।
डीएनबी भारत डेस्क
भरत जी को अयोध्या ही नहीं अपितु ब्रह्मा, विष्णु और महेश की भी राज मिलने पर उन्हें घमंड नहीं होता। जग राम को जपता है और राम भरत का ध्यान करते हैं। भरत राम के ही छाया हैं। उक्त बातें रविवार को असुरारी मानस गोष्ठी पिपरा देवस, मालती, हाजीपुर, असुरारी, हवासपूर की वार्षिकोत्सव बरौनी प्रखण्ड के नगर परिषद बीहट वार्ड संख्या -01 मालती स्थित पुण्यात्मा साकेतवासी शशांक जी के पुत्र प्रदुम्न सिंह के आवास पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मानस गोष्ठी के राष्ट्रीय महामंत्री भरत व्यास ने व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि भरत जब भगवान के वन लीला के दौरान कामद गिरी आश्रम पर मिले तो वह उनके चरणों में वैसे गिरे जैसे जमीन पर लाठी गिरता हो। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरसुरी मानस गोष्ठी पिपरा देवस के अध्यक्ष उपेन्द्र राय ने किया। जबकि संचालन महामंत्री कपिल देव शर्मा ने किया। वहीं मानस गोष्ठी के राज्यमंत्री प्रभाकर सिंह ने कहा राम राज, युवराज पद की प्रसंग रखते हुए कहा कि राजा दशरथ गुरु वशिष्ठ जी महाराज से कहते हैं कि गुरुवर राम के युवराज पद की तैयारी की जाए अब शुभ घड़ी आ गई है।
जिसपर उत्तर देते हुए गुरुवर वशिष्ठ जी महाराज ने संकेत संकेत में कहा कि अभी राम के युवराज पद की समय नहीं आया है। जिस दिन राम जी युवराज पद की गद्दी पर बैठेंगे वही दिन शुभ माना जाएगा। वहीं जिलाध्यक्ष रामबली सिंह ने वार्षिकोत्सव में भजन के माध्यम से भगवन कथा कहा। वहीं तेघड़ा गोष्ठी के अध्यक्ष अच्युतानंद सिंह ने कहा कि जहां सुमति है वहां सुख,सम्पत्ति और समृद्धि को आना ही है और जहां कुमति होगा उसका निदान केवल विपत्ति से होगा।
मौके पर उपेन्द्र शर्मा, कपिल देव शर्मा, सुखदेव शर्मा, प्रदुम्न सिंह, नीरज कुमार, सुरेन्द्र सिंह, सुदामा पंडित, पीताम्बर पाठक, मृत्युंजय शर्मा, हरिहर पंडित जयजयराम पंडित सहित जिले के समस्त रामायण गोष्ठियों के अध्यक्ष एवं सदस्य उपस्थित रहे।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार