20 दिवसीय प्रस्तुति परक नाट्य कार्यकाल का समापन
भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय व बाल रंगमंच आर्ट एण्ड कल्चरल सोसायटी के सहयोग से मध्य विद्यालय बीहट स्थित बाल रंगमंच परिसर में आयोजित नाट्य कार्यशाला में बच्चों ने नाटक, गीत, नृत्य, मास्क मेकिंग व अभिनय का प्रशिक्षण लिया
भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय व बाल रंगमंच आर्ट एण्ड कल्चरल सोसायटी के सहयोग से मध्य विद्यालय बीहट स्थित बाल रंगमंच परिसर में आयोजित नाट्य कार्यशाला में बच्चों ने नाटक, गीत, नृत्य, मास्क मेकिंग व अभिनय का प्रशिक्षण लिया
डीएनबी भारत डेस्क
भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय व बाल रंगमंच आर्ट एण्ड कल्चरल सोसायटी के सहयोग से चल रहे 20 दिवसीय प्रस्तुति परक नाट्य कार्यकाल का सोमवार की देर शाम में समापन हुआ। मध्य विद्यालय बीहट स्थित बाल रंगमंच परिसर में आयोजित नाट्य कार्यशाला में बच्चों ने नाटक, गीत, नृत्य ,मास्क मेकिंग व अभिनय का प्रशिक्षण लिया।
उप मुख्य पार्षद सह युवा रंगकर्मी ऋषिकेश कुमार ने बच्चों को नाटक विधा के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया। उप मुख्य पार्षद श्री कुमार द्वारा रचित परिकल्पना व निर्देशन में बच्चों ने नाटक “आजादी” की प्रस्तुति दी। आज़ादी नाटक में बच्चों ने यह दिखा की अग्रजों ने हम भारतवासियों पर बहुत जुल्म किए।
हमारे ही भूमि पर हमसे ही फसल का मुनाफा और मुआवजा वसूलते थे। इस अत्याचार को भारत वासियों ने अपने हक़ अधिकार के लिए अंग्रेज़ी हुकूमत के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई। उन्हें यह देश छोड़ कर भागना पड़ा ।साथ बच्चों ने नाटक में यह भी दिखया की आज़ाद भारत में हमें भी अपने हक़ अधिकार के लिए आवाज़ उठाने का पूरी आज़ादी है।
आज हम अपने तरीक़े गीत गा सकते हैं। खुशियां मना सकते हैं। अंग्रेज़ों की भूमिका में ऋषभ कुमार, धर्मवीर कुमार, निर्णय कुमार आर्य, आयुष कुमार, आयुष झा ,प्रिंस कुमार ने भूमिका निभाई। किसान कि भूमिका में आरुषि कुमारी, मुस्कान कुमारी, राधा कुमारी, शिम्पू कुमारी, कंचन कुमारी, सौरभ कुमार, प्रिंस कुमार, अंकित कुमार, सुन्नी कुमार, आर्यन, गोलू, पवन ने अपने किरदार को बखूबी जिया।
प्रकाश वीजेंद्र कुमार, संगीत संयोजन विशाल कुमार, रूप सज्जा पूर्णिमा कुमारी ने किया नाट्य निर्देशक ऋषिकेश कुमार ने कहा की आज़ादी के आंदोलन के परिकल्पना समय किसानों की भूमिका से परिचय करवाना ही इस नाट्य कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था। जिसके माध्यम से बच्चों ने अपने अंदर छिपे हुए अभिनय को भी एक कला के रूप में प्रदर्शित किया है।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार