टीबी का आधुनिक और सम्पूर्ण उपचार सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्रों में बिल्कुल मुफ्त है- डाॅ स्निग्धा कुमारी

जीविकोपार्जन के लिए एमडीआर रोगी को सिलाई-कढ़ाई मशीन दिया गया।

जीविकोपार्जन के लिए एमडीआर रोगी को सिलाई-कढ़ाई मशीन दिया गया।

डीएनबी भारत डेस्क 

समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरौनी परिसर में शुक्रवार को प्रखण्ड क्षेत्र अन्तर्गत महना पंचायत के सबौरा गांव के वार्ड संख्या -14 निवासी रामबली तांती के 20 वर्षीय पुत्री गुंजन कुमारी को जीविकोपार्जन के लिए इनोवेटर इन हेल्थ (इंडिया) के तरफ़ से प्रदत सिलाई-कढ़ाई मशीन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बरौनी डाॅ संतोष कुमार झा के निर्देशन में चिकित्सा पदाधिकारी बरौनी डाॅ स्निग्धा कुमारी, प्रखण्ड स्वास्थ्य प्रबंधक संजय कुमार , लेखापाल लालमोहन के द्वारा संयुक्त रूप से सौंपा गया।

वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ स्निग्धा कुमारी ने बताया कि टीबी एक जानलेवा संक्रामक बिमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होती है। टीबी यक्ष्मा, क्षयरोग, राज रोग आदि कई नामों से भी प्रचलित है। टीबी का आधुनिक और सम्पूर्ण उपचार सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्रों में बिल्कुल मुफ्त है।

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टीबी का उपचार 6-8 महिनों का लंबा होता है एवं रोगी थोड़ा ही लाभ मिलने पर बीच में ही उपचार छोड़ देते हैं।जिस कारण टीबी की दवाएं बेअसर/ रेजिस्टेंड कर जाती है। नियमित रूप से कोर्स पूरा करने की जिम्मेदारी अकेले रोगी का ही नहीं होती है। नियम से प्रतिदिन सही डोज में दवा का सेवन की जिम्मेदारी रोगी, परिवार के सदस्यों एवं स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों तीनों की होती है।

उन्होंने इस दौरान टीबी का संदेह, टीबी कैसे फैलती है, भारत में टीबी महामारी की स्थिति, टीबी का उपचार, टीबी हारेगा देश जीतेगा सहित कई प्रमुख बिन्दुओं पर प्रमुखता से जानकारी विचार रखा। वहीं इस संबंध में जानकारी देते हुए एसटीएस पीएचसी बरौनी खुशबू कुमारी ने बताया कि एमडीआर रोगी जो दवा खाता है। जिनका कल्चर निगेटिव हो गया है।

उसको जीविकोपार्जन के लिए इनोवेटर इन हेल्थ( इंडिया ) के सौजन्य से सिलाई-कढ़ाई मशीन एवं उससे जुड़े सभी सामग्री भेंट किया जाता है। तथा छः माह तक उसका देख-रेख किया जाता है कि उससे कितना जीविकोपार्जन किया गया है एमडीआर रोगी या फिर संचालित कर रहे उसके परिवार द्वारा। आगे उन्होंने बताया कि एमडीआर रोगी गुंजन कुमारी को विगत तीन माह पूर्व ही चिन्हित किया गया है।

उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों को आशा एवं परिवार के साथ विमर्श अनुसार रोगी के घर अथवा सहमत स्थान पर उपचार प्रारम्भ किया जाता है। मौके पर चिकित्सा पदाधिकारी बरौनी डाॅ स्निग्धा कुमारी, बीएचएम संजय कुमार, बीसीएम रानी कुमारी, बीएएम लालमोहन, प्रोजेक्ट एसोसिएट राज कुमार महतों, साहिल कुमार, एसटीएस पीएचसी बरौनी खुशबू कुमारी, स्वास्थ्य कर्मी संगीता कुमारी, जयंती कुमारी, धर्मेन्द्र कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार 

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