डीएनबी भारत डेस्क
बाल विवाह का सीधा असर न केवल लड़कियों पर नहीं बल्कि उनके परिवार और समुदाय पर भी पड़ता है । जिस लड़की की शादी कम उम्र में हो जाती है उसे स्कूल से निकल जाने की संभावनाएं काफी बढ़ जाया करती है । उसे कमाने और समुदाय में योगदान देने की क्षमता कम हो जाती है । बाल विवाह के कारण घरेलू हिंसा के साथ साथ कई गंभीर बीमारियों के शिकार होने का खतरा भी बढ़ता है। यूं कहा जाय कि बाल विवाह एक प्रकार का सामाजिक बुराई ही नही अभिशाप है ।
उक्त बातें खोदावंदपुर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी डॉ दर्शना कुमारी ने सेविकाओं को संबोधित करते हुए बाल विकास परियोजना कार्यालय में मंगलवार को बाल विवाह रोकथाम को लेकर हुई बैठक में शामिल सेविका व सहायिकाओं सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि बाल विवाह समाजिक बुराई है इसकी रोकथाम के लिए हमसबको मिलजुलकर काम करना होगा। तभी यह बीमारी समाज से दूर होगा। आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं से कहा कि बाल विवाह रोकथाम में आप लोगो की अहम भूमिका सिद्ध हो सकती है । क्योंकि आप लोग समाज की वो कड़ी हैं जिसके जरिये बाल विवाह को रोका जा सकता है । क्योंकि आपलोगो का सीधा संपर्क समुदाय से है ।
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय मे लड़कियों की शादी करने के लिए सरकार ने 18 साल निर्धारित किया है । इससे कम उम्र में शादी करना अपराध की श्रेणी में आता है । इसे रोकथाम के लिए बकायदे कानून भी बनाया गया । इसकी रोकथाम के लिए महिलाओ को शिक्षित होना भी जरूरी है । उनका सही उम्र में विवाह तथा सही समय मे गर्भाधान करना, उनके जीवन स्तर और निर्णय लेने कज क्षमता को बहूत प्रभावित करता है । कम उम्र में विवाहित वर-वधू न तो सही ढंग से शिक्षित ही हो पाते हैं और न ही परिवार,समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भलीभांति निभा पाते हैं । अपरिपक्व माता पिता बने पर वे अपने बच्चों के प्रति सही जिम्मेबरियां नही निभा पाते हैं ।
उन्होंने सेविकाओं को निर्देशित करते हुए कहा कि आपलोग अपने अपने पोषक क्षेत्र में घूम घूमकर बाल विवाह रोकथाम को लेकर लोगो को जागरूक करे । ताकि बाल विवाह पर रोक लगाया जा सके । बाल विवाह रोकथाम को लेकर उन्होंने आगे की प्लानिंग के बावत कहा कि अगले जून माह से वो स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मिलकर पंचायतवार किशोरी व उसके अभिभावकों के साथ मिलकर बैठक करेंगे तथा उन्हें बाल विवाह रोकथाम को लेकर जागरूक किया जायेगा।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवादाता नीतेश कुमार की रिपोर्ट