सीएचसी बछवाड़ा में दो दिवसीय हड़ताल के अन्तिम दिन आशा कार्यकर्ताओ ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

 

 

टोला सेवक,विकास मित्र को 28 हजार रूपया मानदेय दिया जा रहा है जबकि उसका उपयोगिता के बारे में लोगों को जानकारी भी नहीं है।

डीएनबी भारत डेस्क

प्रखंड मुख्यालय स्थित समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बछवाड़ा में बुधवार को आशाकर्मीयों ने अपनी 14 सुत्री मांग को लेकर दो दिवसीय हड़ताल के अन्तिम दिन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हड़ताल के दौरान बिहार आशा संध के प्रदेश उपाध्यक्ष सरीता राय ने कहा कि आशा कर्मी के प्रति सरकार का रवैया बहुत ही उदासीन है,मुख्यमंत्री,स्वास्थ्य मंत्री समेत स्वास्थ्य पदाधिकारी को आवेदन देने के उपरांत भी कोई संज्ञान नही लिया जा रहा है।

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विगत दिनों स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा मानदेय के बदले पारितोषिक के रूप में पच्चीस सौ रूपया देने का एलान कर आशाकर्मी के साथ धोखा किया जा रहा है। हमलोगों को सरकार के इस झांसे में नहीं आना है।बिहार राज्य आशा संध के निर्देश पर हमलोग को अपनी 14 सुत्री मांग को लेकर लगातार आंदोलन करते रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम लोग तब तक आंन्दोलन करते रहेंगे जब तक हमलोगों को सरकार के द्वारा पारितोषिक के बदले मानदेय की घोषणा नहीं की जाती है।

आज टोला सेवक,विकास मित्र को 28 हजार रूपया मानदेय दिया जा रहा है जबकि उसका उपयोगिता के बारे में लोगों को जानकारी भी नहीं है। हमलोग तो घर घर जाकर स्वास्थ्य के प्रति आमलोगों को जागरूक करने का काम 24 धंटे करते आ रहे हैं। सरकार हमलोगो को मुद्दे से भटकाना चाहती है।बिहार सरकार के द्वारा हमें मौखिक ऐलान नहीं चाहिए,जब तक लिखित रूप से नहीं दिया जाता तब तक हमलोग सड़क से सदन तक जाम सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ने का काम करेंगे।

सामने चुनाव है दीदी, अभी हम लोग हाथ पैर हाथ रख कर बैठ जाएंगे तो यह सरकार कुछ नहीं करने वाली है। हमारी मांग पुरा नही होता है तो हम चुनाव के दौरान सरकार को सबक सिखाने का काम करेंगे। मौके पर दर्जनों की संख्या में आशाकर्मी व आशा फैसिलेटर मौजूद थे।

बेगूसराय बछवाड़ा संवाददाता सुजीत कुमार की रिपोर्ट

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