आशा कार्यकर्ता व फैसिलिटेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पचीस वें दिन भी जारी
विधायक व मंत्री के लिए अलग संविधान और हम आशा कार्यकर्ताओं के लिए अलग संविधान कैसे हो सकता है -बिहार राज्य आशा संध प्रदेश उपाध्यक्ष सरिता राय
डीएनबी भारत डेस्क
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बछवाड़ा में संघ के आहवान पर आशा व फैसिलिटेटरों की हड़ताल पचीसवें दिन भी जारी रही। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओ ने सीएचसी के गेट पर बैठकर धरना जारी रखा और मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया।
धरना को संबोधित करते हुए बिहार राज्य आशा संध प्रदेश उपाध्यक्ष सरिता राय ने कहा कि आशा कार्यकर्ता अगर समाजिक कार्यकर्ता हैं तो जनप्रतिनिधि के रूप में मुख्यमंत्री हो या स्वास्थ्य मंत्री वो भी एक समाजिक कार्यकर्ता हैं,फिर मंत्री, विधायक को लाखों रूपये प्रतिमाह कैसे मिल रहा है,विधायक व मंत्री के लिए अलग संविधान और हम आशा कार्यकर्ताओं के लिए अलग संविधान कैसे हो सकता है।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार व केन्द्र सरकार आशा कार्यकर्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। 25 दिन हड़ताल के बावजूद सरकार के द्वारा कोई पहल नहीं किया जा रहा है। जबकि आज आशा कार्यकर्ताओं के कड़ी मेहनत का नतीजा है कि सरकारी अस्पताल में लोगों की भीड़ देखने को मिल रहा है। आज अगर मातृ एवं शिशु के मृत्यु दर में कमी आयी है तो इसका श्रेय आशा कार्यकर्ताओं को जाता है।
आशा कार्यकर्ता गांव गांव में जाकर स्वास्थ के प्रति लोगों को जागरुक करने का काम किया। आज उसी का नतीजा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने बच्चों को टीकाकरण दिला रहे थे और शत् प्रतिशत टीकाकरण, सुरक्षित प्रसव,स्थाई व अस्थाई परिवार नियोजन,सर्वे सब हो रहा था। लेकिन हड़ताल के कारण स्वास्थ्य विभाग का सभी काम बाधित है। जब आशा हड़ताल पर नहीं थी तो 80 से 85 प्रतिशत तक टीकाकरण होता था, लेकिन आज हड़ताल के कारण वही टीकाकरण जीरो प्रतिशत हो गया है।
आम आवाम लोगों को परेशानी हो रही है, सक्षम लोग मंहगे दरों पर अपने बच्चों को टीका दिलाने पर विवश हैं लेकिन गरीब लोग अपने बच्चों को टीका दिलाने के लिए भटक रहे हैं। सरकार के द्वारा बार बार आश्वासन देने के बावजूद आशा कार्यकर्ताओं को मानदेय के बदले प्रोत्साहन राशि पर काम कराया जा रहा है। हम आशा कार्यकर्ताओं को नही चाहिए प्रोत्साहन राशि हमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा के साथ साथ मानदेय दिया जाय।
उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे पुरी नहीं होगी तब तक हम अपना हड़ताल जारी रखते हुए सरकार के विरुद्ध आन्दोलन करते रहेंगे। मौके पर रिंकू कुमारी,रंजू कुमारी,विभा कुमारी,सोनी कुमारी, रीता कुमारी, बेबी कुमारी, हेमा कुमारी, पूजा कुमारी, बबीता कुमारी, संकुतला कुमारी, सुलेखा कुमारी, शबनम कुमारी समेत आदि आशा फैसिलेटर व आशा कार्यकर्ता मौजूद थे।
बेगूसराय बछवाड़ा संवादाता सुजीत कुमार की रिपोर्ट