सैकड़ों हाथों से धन अर्जित करो और हजारों हाथों से करो दान- भूपेंद्र आर्य
बारो अभेदानंद आश्रम आर्य मंदिर में समाज रामनारायण आर्य स्मृति भवन का लोकार्पण।
बारो अभेदानंद आश्रम आर्य मंदिर में समाज रामनारायण आर्य स्मृति भवन का लोकार्पण।
डीएनबी भारत डेस्क
आर्य समाज मंदिर अभेदानंद आश्रम बारो में रविवार को नवनिर्मित स्मृति शेष रामनारायण आर्य स्मृति भवन का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ देवयज्ञ से किया गया। भूपेंद्र आर्य के द्वारा यज्ञ को संपन्न कराया गया। भवन का निर्माण स्मृति शेष रामनारायण आर्य के छोटे पुत्र निरंजन ठाकुर एवं उनकी पुत्रवधू पूनम देवी द्वारा कराया गया। उनके पुत्रवधू पूनम देवी एवं पौत्री कोमल कुमारी आर्य समाज के मंत्री राजेंद्र आर्य को विधिवत चाबी सौंपा।
आचार्य अरुण प्रकाश आर्य ने कहा ‘रामनारायण आर्य’ आर्य समाज बारो के मंत्री एवं प्रधान पद को सुशोभित किया एवं विधवा विवाह, स्त्री शिक्षा का समर्थन किया एवं बाल विवाह का विरोध किया वह सच्चे अर्थों में एक समाजसेवी थे। सारी उम्र जन कल्याण के लिए खुद को समर्पित किया। उनके कार्यकाल में आर्य समाज बारो विकास के पथ पर अग्रसर था।भूपेंद्र आर्य ने कहा हमारी वैदिक संस्कृति में त्याग, सेवा, सहायता, दान तथा परोपकार को सर्वोपरि धर्म के रूप में निरुपित किया गया है, क्योकि वेद में कहा गया है-
‘शतहस्त समाहर सहस्त्र हस्त सं किर१ अर्थात् सैकड़ों हाथों से धन अर्जित करो और हजारों हाथों से दान करो। गृहस्थों, शासकों तथा सम्पूर्ण प्राणी मात्र को वैदिक वाङ्मय में दान करने का विधान किया गया है। इस मौके पर आर्य समाज बारो के प्रधान रवींद्रनाथ आर्य, कोषाध्यक्ष कैलाश आर्य, मंत्री राजेंद्र आर्य, धर्मेंद्र आर्य, सुधीर आर्य, संतोष आर्य, दिलीप आर्य, नंदकिशोर आर्य, गोविंद, सोनू, अग्निवेश आदि उपस्थित थे।