35वें दिन भी जारी है एम्बुलेंसकर्मियों का हड़ताल, कंपनी को नहीं पड़ रहा फर्क

 

डीएनबी भारत डेस्क 

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरौनी सहित समस्त बेगूसराय जिला में आंदोलनकारी एम्बुलेंस कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहने से विगत 05 जून से स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है। इसका असर अब विभाग, अस्पताल, रोग से पीड़ित के साथ साथ आम आवाम पर दिखने लगा है, जिसकी व्यथा शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है।

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मौके पर जिलाध्यक्ष रामानन्द कुमार, सचिव अतुल कुमार, पूर्व सचिव गोपाल कुमार साह, चालक संघ अध्यक्ष मनोज कुमार, मुकेश कुमार उर्फ बड़ा बाबू, ईएमटी मुकेश कुमार, हरे राम सिंह, कुन्दन कुमार, मदन मोहन, राममिलन, सरोज कुमार, मुकेश कुमार सिंह, नवीन कुमार, गोपाल पासवान, मुकेश कुमार पासवान, रितेश कुमार, चिरंजीवी महाराज, रोहित कुमार, बादल कुमार, अमित कुमार, नवीन कुमार, दिलीप कुमार, पंकज कुमार, संजीव कुमार, अर्जुन कुमार, मणिकांत शर्मा, राजेश कुमार ठाकुर सहित अन्य उपस्थित अन्य एम्बुलेंसकर्मियों ने बताया कि विगत माह में पांच जून से बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ इंटक बेगूसराय के तत्वावधान में एम्बुलेंस कर्मियों का शुरू हुए बेमियादी हड़ताल ने बिहार के अन्य जिलों में एम्बुलेंस कर्मियों के बीच अलख जगाने का काम किया है और वह भी राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग, 102 एम्बुलेंस संचालक कम्पनी पीडीपीएल के विरुद्ध मूखर होकर अपनी आवाज बुलंद करने का काम किया है।

सभी ने अपने अपने संघ के निर्णयों से आला-अधिकारियों को अवगत करा दिया है। इधर एम्बुलेंस कर्मियों की मांगों पर गौर करें तो उनकी मांग सबसे पहली यह है कि हमें श्रम अधिनियम के तहत निर्धारित मानदेय का भुगतान किया जाए। हमें हमारा नियुक्ति पत्र, परिचय पत्र, बकाया ईपीएफ, ईएसआई, मानदेय और श्रम अधिनियम के तहत निर्धारित मानदेय का एरियर का भुगतान किया जाए।

दूसरी ओर सचिव जिला स्वास्थ्य समिति बेगूसराय सह सिविल सर्जन बेगूसराय द्वारा एम्बुलेंसकर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव पर संज्ञान लेते हुए पीडीपीएल कम्पनी को बार -बार पत्राचार कर वैकल्पिक व्यवस्था शुरू करने का निर्देश दिया है पर इसका भी कोई असर पीडीपीएल कम्पनी पर पड़ता नहीं दिख रहा है। इससे साफ़ हो जाता है कि उसने स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ और लाइफ लाइन एम्बुलेंस को केवल अपना कमाई का जरिया बना रखा है। उसे मानव जीवन और एम्बुलेंस कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से कोई लेना-देना नहीं है। जिसपर डीपीएम बेगूसराय ने एम्बुलेंस कर्मियों को आश्वस्त किया कि पीडीपीएल कम्पनी को एम्बुलेंस सेवा व्यवस्था पुनः बहाल करने का निर्देश दिया गया है। एम्बुलेंस सेवा कितनी महत्वपूर्ण स्थान रखता है स्वास्थ्य व्यवस्था में इसका वर्णन करने की कोई आवश्यकता नहीं है इससे सभी पाठकगण भली-भांति अवगत हैं।

इधर जिला पदाधिकारी बेगूसराय रौशन कुशवाहा एवं उप श्रमायुक्त बेगूसराय के द्वारा उठाए गए कदमों से एम्बुलेंस कर्मियों को क्या लाभ मिलता है है यह आने वाला समय बताएगा लेकिन इस संबंध में जिला पदाधिकारी बेगूसराय रौशन कुशवाहा द्वारा एम्बुलेंस कर्मियों को एम्बुलेंस सेवा व्यवस्था चालू करने की दिशा में पहल किया जा रहा है।

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