बेगूसराय में डायल 102 एंबुलेंस कर्मियों का हड़ताल 11वें दिन भी जारी

डीएनबी भारत डेस्क 

 

स्वास्थ्य मंत्री सह प्रभारी मंत्री बेगूसराय स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार मंगल पांडेय के प्रभारी मंत्री वाले जिले बेगूसराय में आंदोलनकारी एम्बुलेंस कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहने से विगत ग्यारह दिनों से स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है। जिसका प्रभाव अब विभाग, अस्पताल, रोग से पीड़ित के साथ साथ आम आवाम पर दिखने लगा है।

जिसकी व्यथा शब्दों में बयान नहीं की जा सकती। मौके पर जिलाध्यक्ष रामानन्द कुमार, सचिव अतुल कुमार, चालक संघ अध्यक्ष मनोज कुमार, मुकेश कुमार उर्फ बड़ा बाबू, ईएमटी मुकेश कुमार, हरे राम सिंह, कुन्दन कुमार, सरोज कुमार, रामप्रीत कुमार, मनोज कुमार, मुकेश कुमार सिंह, गोपाल पासवान, मुकेश कुमार पासवान, रितेश कुमार, चिरंजीवी महाराज, रोहित कुमार, अमित कुमार, नवीन कुमार,मो अरशद, दिलीप कुमार, पंकज कुमार, संजीव कुमार, मणिकांत शर्मा, राजेश कुमार ठाकुर सहित अन्य उपस्थित अन्य एम्बुलेंस कर्मियों ने बताया कि विगत पांच जून से बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ इंटक बेगूसराय के तत्वावधान में एम्बुलेंस कर्मियों का शुरू हुए बेमियादी हड़ताल ने बिहार के अन्य जिलों में एम्बुलेंस कर्मियों के बीच अलख जगाने का काम किया है।

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वह भी राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग, 102 एम्बुलेंस संचालक कम्पनी पीडीपीएल के विरुद्ध मूखर होकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। सभी ने अपने अपने संघ के निर्णयों से आला-अधिकारियों को अवगत करा दिया है। इधर एम्बुलेंस कर्मियों की मांगों पर गौर करें तो उनकी मांग यह है कि हमें श्रम अधिनियम के तहत निर्धारित मानदेय का भुगतान किया जाए। हमें हमारा नियुक्ति पत्र, परिचय पत्र, बकाया ईपीएफ, ईएसआई, मानदेय और श्रम अधिनियम के तहत निर्धारित मानदेय का एरियर का भुगतान किया जाए का मांग किया है।

साथ ही कहा है कि क्षेत्रीय एवं जिला प्रतिनिधि पीडीपीएल कम्पनी द्वारा एम्बुलेंसकर्मियों पर किए जा रहे दमनकारी रवैया को तत्काल प्रभाव से रोक लगाया जाए। और एम्बुलेंसकर्मियों का हो रहे शोषण को बंद किया जाए। वहीं दूसरी ओर सचिव जिला स्वास्थ्य समिति बेगूसराय सह सिविल सर्जन बेगूसराय द्वारा एम्बुलेंस कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव पर संज्ञान लेते हुए पीडीपीएल कम्पनी को दो बार पत्राचार कर वैकल्पिक व्यवस्था शुरू करने का निर्देश दिया है पर इसका भी कोई असर पीडीपीएल कम्पनी पर पड़ता नहीं दिख रहा है। इससे साफ़ हो जाता है कि उसने स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ और लाइफ लाइन एम्बुलेंस को केवल अपना कमाई का जरिया बना रक्खा है।

उसे मानव जीवन और एम्बुलेंस कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से कोई लेना-देना नहीं है। जिसके कारण एम्बुलेंस कर्मियों ने आंदोलन के दसवें दिन भारी संख्या में पहूंच कर डीएचएस का घेराव किया तथा प्रदर्शन किया। जिसपर डीपीएम बेगूसराय ने एम्बुलेंस कर्मियों को आश्वस्त किया कि पीडीपीएल कम्पनी को एम्बुलेंस सेवा व्यवस्था पुनः बहाल करने का निर्देश दिया गया है। ऐसा करने में अक्षम होने पर एम्बुलेंस की चाबी जिला स्वास्थ्य समिति में जमा करने का सख्त निर्देश दिया गया है। अगर कम्पनी अक्षम होती है तो जिला स्वास्थ्य समिति बेगूसराय अपने स्तर से जिले में एम्बुलेंस सेवा व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित कराएगा। वहीं एम्बुलेंस सेवा कितनी महत्वपूर्ण स्थान रखता है स्वास्थ्य व्यवस्था में इसका वर्णन करने की कोई आवश्यकता नहीं है इससे सभी पाठक गण भली-भांति अवगत हैं।

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