शार्टकट का रास्ता टिकाऊ नहीं, रंगमंच नियमित पाठ्यक्रम की तरह जिसे पढ़कर अनुसरण करने की जरूरत- गणेश गौरव

अकाश गंगा रंग चौपाल बरौनी द्वारा बीहट में प्रशिक्षण शिवीर आयोजित। मुंशी प्रेमचंद की कहानी शतरंज के खिलाड़ी और वर्तमान समय में शतरंज के खिलाड़ी के कहानी की मौलिकता और सार्थकता पर किया जाएगा नाट्य मंचन।

अकाश गंगा रंग चौपाल बरौनी द्वारा बीहट में प्रशिक्षण शिवीर आयोजित। मुंशी प्रेमचंद की कहानी शतरंज के खिलाड़ी और वर्तमान समय में शतरंज के खिलाड़ी के कहानी की मौलिकता और सार्थकता पर किया जाएगा नाट्य मंचन।

डीएनबी भारत डेस्क 

आकाशगंगा रंग चौपाल एसोसिएशन बरौनी द्वारा आयोजित 20 दिवसीय प्रस्तुतिपरक कार्यशाला में कहानियों और कविताओं से नाटक को मूर्त रूप दिया जा रहा है। खास करके कार्यशाला में भाग ले रहे हैं नए प्रशिक्षु कलाकारों के द्वारा रंगमंच की बुनियाद से अपने आपको सजाने और संवारने की कोशिश कर रहे हैं।

इसको लेकर प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में आकाशगंगा रंग चौपाल एसोसिएशन बरौनी रंगमंडल के कलाकारों के द्वारा विभिन्न कवियों की कविताओं का कविता कोलाज के रूप में संस्कार भवन में मंचन किया गया। सचिव गणेश कुमार कहते हैं कि चल रहे कार्यशाला में उन सभी स्वरूपों पर काम किया जा रहा है जिससे नाटक कलाकार अपने आपको मंच पर सशक्त रूप से प्रस्तुत कर सकें।

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बातौर प्रशिक्षक गणेश गौरव कहते हैं कि रंगमंच में सिवाय मेहनत के और कोई दूसरा उपाय नहीं है। आमतौर पर युवा शॉर्टकट रास्ते से अपनी पहचान बनाना चाहते हैं जो टिकाऊ नहीं है। उन्होंने कहा कि रंगमंच भी आम पाठ्यक्रमों की तरह नियमित रूप से पढ़ने और करने की जरूरत है।

उन्होंने बताया कि मुंशी प्रेमचंद की जयंती के आलोक में कलाकारों द्वारा कहानियों और कविताओं के सम्मिश्रण से प्रस्तुति दी गई है जो आने वाले समय में दर्शकों को भी देखने का मौका मिलेगा।

इस प्रस्तुति में भाग लेने वाले कलाकार मनीष कुमार, रोहित वर्मा, अंकित कुमार, राधे कुमार, ईशा, बलिराम बिहारी, आनंद कुमार, सौरभ कुमार, अंकित वर्मा, शुभम कुमार, शिव कुमार, दिनेश दीवाना, रवि सहित अन्य शामिल हैं।

इस अवसर पत्रकार प्रवीण प्रियदर्शी ने कहा कि रंगकर्म करना बहुत आसान नहीं है जो लोग या कलाकार इस विधा में अपने जीवन को खपा रहे हैं वो समाज के लिए अनुकरणीय है। रंगकर्मी उप मुख्य पार्षद ऋषिकेश कुमार ने प्रस्तुति उपरांत कलाकारों के प्रदर्शनों की समीक्षा की।

कार्यक्रम के दूसरे भाग में प्रेमचंद की कहानी शतरंज के खिलाड़ी का पाठ किया गया और उस पर चर्चा भी की गई कि आज के वर्तमान समय में शतरंज के खिलाड़ी के कहानी की क्या मौलिकता और सार्थकता है। सचिव गणेश गौरव ने बताया कि जल्द ही कार्यशाला समापन पर नाट्य प्रस्तुति की जाएगी।

 

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