आधे दर्जन से अधिक मकानों को प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण के नाम पर किया ध्वस्त, ग्रामीणों में काफी आक्रोश

आलम यह है कि सभी ध्वस्त हुए मकान के गृहस्वामी खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है।

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आधे दर्जन से अधिक मकानों को प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण के नाम पर किया ध्वस्त, ग्रामीणों में काफी आक्रोश

डीएनबी भारत डेस्क 

नालन्दा–सरमेरा प्रखंड के धनुकी पंचायत के कोतरा गांव में पईन की उड़ाई लघु सिंचाई विभाग  के नाम पर आधे दर्जन से अधिक मकानों को प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण के नाम पर ध्वस्त कर दिया गया है। इस अतिक्रमण के बाद ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। स्थानीय ग्रामीण रामदेव ने कहा कि साजिश के तहत कुछ लोगों के साथ मिलीभगत कर सड़क के किनारे कई वर्षों से रह रहे आधे दर्जन से अधिक मकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। आलम यह है कि सभी ध्वस्त हुए मकान के गृहस्वामी खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है।

वही कोतरा गांव की रहने वाली पार्वती देवी ने बताया कि सड़क के किनारे पईन का निर्माण हो रहा है,पईन की उड़ाई और मकान के बीच एक पक्की सड़क है।वावजूद प्रशासन के द्वारा आधे दर्जन से अधिक मकानों को अतिक्रमण के नाम पर तोड़ दिया गया है। मकान टूटने के बाद अब इन लोग बेसहारा हो चुके हैं और खुले आसमान के नीचे ही झोपड़ी डालकर रहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि एक ही लाइन में दर्जनों मकान पूर्व से बना हुआ है तो फिर इन्हीं 7 मकानों को प्रशासन के द्वारा क्यों टारगेट करते हुए अतिक्रमण के नाम पर तोड़ा गया।

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वही इस इलाके के जिला परिषद सदस्य पश्चिमी बबलू सिंह ने कहा कि कोतरा गांव में अतिक्रमण के नाम पर तांडव मचाया गया है अभी तक बाढ़ से बरबीघा सड़क की चौड़ीकरण का अभी तक टेंडर नहीं हुआ है अगर रोड चौड़ीकरण का काम होता तब इस मकान को अगर अतिक्रमण के नाम पर तोड़ा जाता तो एक अलग बात थी। उन्होंने प्रशासन के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि यह अतिक्रमण के नाम पर मकान तोड़ने का काम चेहरा देखकर किया गया है। जिस लाइन में 7 मकानों को ध्वस्त किया गया है।

उसी लाइन में और भी मकान पूर्व से अतिक्रमण क्षेत्र में आता है वावजूद उसे छुआ तक नहीं गया है। निश्चित तौर पर कहीं ना कहीं इसमें बड़ा आदमी का हाथ है। जो पूरी तरह से एक साजिश को स्पष्ट करता है।

नालंदा संवाददाता ऋषिकेश

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