एबीवीपी ने कॉलेज प्रशासन को सौंपा मांग पत्र
डीएनबी भारत डेस्क
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आरसीएस कॉलेज मंझौल इकाई उपाध्यक्ष धीरज कुमार के नेतृत्व में आरसीएस कॉलेज में व्यापक स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार एवं अन्य समस्याओं से जुड़े हुए मुद्दों को लेकर कुलसचिव को मांग पत्र सौंपा गया एवं अविलंब कार्रवाई की मांग की गई। इस अवसर पर राज्य विश्वविद्यालय संयोजक कन्हैया कुमार ने कहा कि आरसीएस कॉलेज मंझौल में लोकधन की धज्जियां उड़ानेवाले पदाधिकारी के ऊपर विश्वविद्यालय स्तर से जांच हो एवं कठोर-से-कठोर कार्रवाई करने की विद्यार्थी परिषद मांग करती है।
कॉलेज में वर्सर के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं के दिए गए विकास कार्यों के पैसे को बंदरबांट करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। बिना मापक एवं पारदर्शिता के कार्य किया जा रहा है, जिसका विद्यार्थी परिषद महाविद्यालय प्रशासन से लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन तक संज्ञान में देते हुए इन सभी चीजों को सुधार करने के लिए लगातार मांग कर रही है। इस अवसर पर छात्र नेता नीतीश कुमार एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अमित कुमार सिंह गप्पू ने कहा कि कॉलेज के कुछ छात्रों को कुछ विभाग के विभागाध्यक्ष झाँसा में रखकर गुमराह करते हुए भ्रष्टाचार का बाजार चला रहे हैं, जिसकी जानकारी विद्यार्थी परिषद के द्वारा महाविद्यालय प्रशासन से लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को लगातार दी जा रही है।
अभी तक इन सभी चीजों में किसी भी प्रकार के सुधार नहीं देखा जा रहा है। बहुत जल्द ही विद्यार्थी परिषद महाविद्यालय प्रशासन एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ बड़ा आंदोलन की चेतावनी देते हुए इन सभी चीजों को सुधार करने के लिए आह्वान करती है। इसी मौके पर विद्यार्थी परिषद प्रतिनिधिमंडल से मिलते हुए कुलसचिव अजय कुमार पंडित ने कहा कि विद्यार्थी परिषद हमेशा से छात्र हितैषी संगठन है और मुझे भी जानकारी आरसीएस कॉलेज मंझौल के संदर्भ में लगातार मिल रही है। मैं इन सभी चीजों पर नजर बनाए हुए हैं एवं विद्यार्थी परिषद के द्वारा माँग पत्र के माध्यम से जो मुझे जानकारी मिली है, इन सारी समस्याओं का कुलपति से मिलकर चर्चा करते हुए दोषी पदाधिकारी पर जल्द-से-जल्द कार्यवाई होगी एवं महाविद्यालय बेहतर तरीके से चले, इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर से प्रयास किया जाएगा।
मौके पर धीरज कुमार, अमित कुमार सिंह, नीतीश कुमार, दीपू कुमार, आयुष कुमार, रवि कुमार, मृत्युंजय चौधरी आदि उपस्थित थे।